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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६६८

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६३० फर्ग्युसन कॉलेज, ३०४, ३३५ फिंडले, जे० एच० एल०, ३४७ पा० टि० फिटजपैट्रिक, सर पर्सी, ३४५ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय फीनिक्स -यासपत्र, १२४, १५०, १८५ पा० टि०, ३१८-२२, ३२६; -की आत्माको जिसने पाया उसे ही वहाँ रहनेका हक, १२३; -की इमारतें, यंत्र व खेती न्यासियोंके हाथ सौंपनेकी गांधीजीकी इच्छा, ६०; - के खर्चे के लिए डॉ० मेहतासे १००० पौंडकी माँग, ११३; - के संविधान में सुधारकी आवश्यकता, १२८; -में खेतीको अप- नानेका विचार, ११२; - में रहनेवालोंके लिए आचारधर्म, १८७ फिनॉट, २२, ३० फिशर, अब्राहम, २९४, २९५, ३४७, ५००; की गोखलेसे मुलाकात, ३५५ पा० टि०, ४१० फिलिप्स, रेव० चार्ल्स, १९, २३, १६६, ३७८ फिलिप्स, श्रीमती, १२५ फीजी, -में गोखलेके प्रयत्नोंसे गिरमिटिया भारतीयोंको सजा आदिके कानूनमें रियायत एवं परिवर्तन, ४५४ फीरोज शा, ३६४, ३७० फेडरेशन भवन, ३०९ फेडा, ३७६ फेरार, सर जॉर्ज, ८ फेरीवाले, (लों) के परवानोंके नियंत्रणकी सत्ता नगर- पालिका परिषद के हाथमें, १०२ फैंसी, ५८, ३०९ पा० टि०, ३७७, ३८८, ३९०, ३९७, ४०३; - गोखलेसे भेंट, ४१० फोक्सरस्ट में श्री गोखलेको मानपत्र, ४१० फोर्बीज़, सर जॉन, के मत में “रोग स्वयं प्रकृति ही दूर करती है", ४३१ फ्रांसिस, ३८६ फ्रॉय, डॉ०, का मत कि “वैद्यक ( डॉक्टरी) से बढ़कर अप्रामाणिक व्यवसाय दूसरा कोई शायद ही मिले ", ४३१ फ्रीडीडॉर्प में भारतीय दूकानदारोंको मुसीबतका सामना, २६८; -में भारतीय बाड़ोंकी समस्या, १११ फोडीडो नपरपालिका; और एक चीनीके मुकदमेका फैसला, ४९७ फोडीडॉ वाडा अधिनियम, २६७ पा० टि० फ्रैंक, डॉ०, का मत कि " दवाखानोंमें हजारों मनुष्योंकी हत्या होती है", ४३१ फ्रैंक, सी० एफ० जे०, ८३ ब बंगाल का विभाजन, ३०६ बंगाली, ४६४ बंदरगाहों; - में अधिवासी भारतीयोंको भारतसे लौटनेपर अटकाव, ४७२-७३ वंदेमातरम् लोग, ५६ पा० टि०, ५८ बंबई प्रान्तीय परिषद्, ३०५ बंबई विधान परिषद्, -के गोखले सदस्य; के गैर- सरकारी सदस्योंके प्रतिनिधिको हैसियतसे वाइस- रॉकी कौंसिल में गोखलेका चुनाव, ४८५ बंबई में दक्षिण आफ्रिकासे लौटनेपर श्री गोखलेका भाषण ४५८-५९, ४६३-६४ बकल, -द्वारा फीडडॉ नगरपालिकाको एक चीनीको वाडा खाली करनेकी नालिशके सम्बन्ध में फैसला, ४९७ बड़ौदा, महाराजा, ४२० बदरिया, २५६, ३६५, ३६७, ३७०, ३७९, ३९२, ४१५ बधासिंह, श्रीमती, ३९३ बनर्जी, प्रमथनाथ, ४५३ बनर्जी, सुरेन्द्रनाथ, १३४ पा० टि० बर्गर्स राइट्स (नागरिक अधिकारों) से १८८५ के कानून ३ के अन्तर्गत ब्रिटिश भारतीय वंचित, ५२ बसदा, ३७५, ३७६, ३७८ बॉक्सवर्ग में दूकान खोलनेके कारण मायातकी ट्रान्सवाल लीडर द्वारा कड़ी टीका, १८८; -में बाड़ोंको लेकर भायातके विरुद्ध मामला, २८५-८६ पा० टि०; -में गांधीजी और गोखले द्वारा ' बस्तियों' का निरीक्षण, ४०९ 'बाजार' (रों) में खदेड़े जानेके विरुद्ध भारतीयोंका विरोध, २०७; -में भारतीयों को खदेड़ देना स्वच्छ- ताका हल नहीं, ३०३; -भारतीयोंके पृथक्करणसे रोगोंके फैलनेकी भाषेक सम्भावना, ३०३ बाबा मुहम्मद, ३९१ बाबू, ४०४, ४१३ बालकृष्ण, ३९४ Gandhi Heritage Porta