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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६७०

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६३२ सम्पूर्ण गांधी वाङमय ३५० पा० टि०, ३५१ पा० टि०, ३९७ पा० टि०, ४००, ४७५, ५००; -द्वारा अस्थायी सम- झौता स्वीकार, १४५७, ८३; -द्वारा कैलेन बैंकको मानपत्र, १२७, १२९-३१; -द्वारा क्रूगर्स डॉपके भारतीयोंके विरुद्ध सरकारी कार्रवाईका प्रतिकार करने व रिचको सहायता देनेका निर्णय, १३७- ३९; -द्वारा गोखलेको मानपत्र, ३३८-३९, ३३९ पा० टि०, -द्वारा गोखलेको भोज, ३४२-४३; - द्वारा पंजीयनके लिए नाम भेजनेकी सत्याग्रहियों को चेतावनी, ८५-८६, ८८, ९२६ - द्वारा पालिया- नेटके चालू सत्र में आव्रजनके कानूनमें संशोधन न किये जानेकी हालत में सत्याग्रह जारी रखनेका निश्चय, ३७; - द्वारा प्रार्थनापत्र : १८८५ के कानून ३, स्वर्ण-कानून और नगर निगम अधिनियम के बारेमें, ५८; - ट्रान्सवाल नगरपरिषद् अध्यादेशके मसविदेके बारेमें, १९७; -की बैठक, ३०७- ०८, ३०९, ४७३-७४ ; -को जसातके मामले में आन्दोलन द्वारा न्याय प्राप्त करनेकी सलाह, २४०; द्वारा भारतसे वापिस लौटने पर अधिवासी भारतीयोंके लिए बन्दरगाहोंपर सुरक्षाकी माँग, ४७३-७६ - द्वारा भारतीयोंको एकसे अधिक पत्नियों न लानेके सम्बन्धमें जस्टिस वेसेल्सके निर्णयका निषेध, ११६, ११८ ब्रिटिश संविधान के अन्तर्गत प्रत्येक मनुष्यको समान अधिकार, १०८, १०९-१० नेट, ३६४, ३६६, ४१४, ४१५ म जस्टिस द्वारा दो प्रवासी मुकदमों में फैसला, ४५१-५२ ब्लूम हॉफ में गोखलेको मानपत्र, ४०९ ब्लेवॅटस्की, एच० पी० ६३ पा० टि० - द्वारा ट्रान्सवाल नगर परिषद अध्य। देशके मसविदेका निषेध, १०३ भ भक्तियोग, हठयोगसे अधिक अच्छा, ६४ भगत, भोजा, ६४ भगवद् गोता, २५२ भगा, ३७४, ३७९, ३८१, ३८२, ३८५, ३८७-९० ३९२, ३९४, ३९५, ३९९, ४०५, ४०७ भगा, प्रभु, ३९० भगा, पाना, ३७५ भट्ट, अम्बाराम, १२८ भरुचा, ३९० भर्तृहरि शतक, १३६, ४३७ भाँग, ४७६-७७ भाजियों, कम खानेके सम्बन्धमें गांधीजीकी राय, ४९९ - (थों) के बिना भोजन गांधीजीके लिए मुआफिक, ५०९ भाना, ३८० भाना, अहम्मद, ३७६ भाना, ऊका, ३९३ भाना, नत्थु, ३६३, ३७६ भायात, ३६३, ३६५, ३६८, ३७१, ३८०, ३८२, ३८७, ३८८, ३९० भायात, आमद मूसा, ३६६, ३७२, ३७३; -का मुकदमा, २८५; के बॉक्सबर्ग में दूकान खोलने पर गोरों और ट्रान्सवाल लीडर, का कड़ा विरोध, १८८; के बॉक्सबर्ग वादेके मामलेमें विरुद्ध फैसला, २८५-८७; के मामलेमें अपोलके लिए सहयोग देना सारे समाजका कर्त्तव्य, २८७ भायात, इब्राहीम, ३८७ भायात, इसप, ३८७ भाषात, मुहम्मद, ३८७ भारत, इंग्लैंड का सबसे बड़ा ग्राहक, ४३७; -धर्मक्षेत्र किन्तु पाप क्षेत्र भी १२३; की दुर्दशा कर्त्तव्य पालन न करनेके कारण, १२१; --में अकाल, १५५, १६१, १७७, १७८; -में अकालका कष्ट पश्चिमी वातावरणके कारण १९३; - में अकालके लिये सहायता कोष, १९३३ - में दक्षिण आफ्रिकी निवासियोंके लिए सहानुभूतिकी आवश्यकता, ४५९; -सरकार, १८३ पा० टि०, १९५, ३१४ पा० टि० (२), ३१५, ३२७, ३२८; की सम्मति से गोखलेकी दक्षिण आफ्रिका यात्रा ३४१ भारतीय भाहत सहायक दल, १०७ भारतीय दक्षिण आफ्रिकी लीग, ९४ प्रवासी आयोग १७५ " प्रवासी कानून (१८९१), १७४ पा० टि० प्रवासी न्यास-निकाय, २६५ भारतीय भाषाएँ, (भ) -का पढाया जाना तथा उनके माध्यम से शिक्षा देना आवश्यक ४३५ Gandhi Heritage Portal