गोखलेने गांधीजीको तार दिया कि पोलकको इंग्लैंड भेजें। गांधीजी तथा साथियों- का सॉलोमन आयोगके विरुद्ध भारतीय समाजके रोषके बारेमें लॉर्ड ऍम्टहिलको तार।
‘नेटाल मर्क्युरी'को लिखे एक पत्रमें अपने उद्देश्यको दक्षिण आफ्रिकी हमदर्दीसे भी बढ़कर बताया।
दिसम्बर २४ : स्मट्सने आयोगम और सदस्य नियुक्त करने से इनकार करते हुए गांधी- जीको लिखा। गांवोजीने संघर्षको वापस लेनेकी असमर्थता व्यक्त करते हुए गोखलेको तार दिया; धार्मिक नेताओं, अखबारों, यूरोपीय समितिकी ओरसे लॉर्ड ऍम्टहिल द्वारा सहायताका विश्वास दिलाने के बारेमें गोखलेको बताया।
दिसम्बर २५ : इस बात से इनकार करते हुए कि संयुक्त पत्र अन्तिम चेतावनीके रूपमें था, गांधीजीने गृह मन्त्रीको तार दिया, भारतीय मजदूरोंके नियोजकोंके हितोंकी रक्षाका वचन दिया, भेंटकी माँग की।
दिसम्बर २६ : आयोगमें बागान मालिकों तथा भारतीयोंकी ओरसे अतिरिक्त सदस्य नियुक्त करनेके लिए साम्राज्य सरकारके साथ-साथ वाइसरायके हस्तक्षेपपर जोर देनेके लिए गोखलेसे अपील की।
तीन-पौंडी कर रद कराने के बारेमें प्रयत्न करनेके लिए धन्यवाद देते हुए गांधीजी- ने सिनेटर कैम्बेलको लिखा। गोखलेको सूचना दी कि सत्याग्रहियोंकी शपथने संघर्षको पुन: चालू करने के लिए १ जनवरीकी तारीख निश्चित नहीं की। दूसरे तारमें गोखलेको सलाह दी कि वे धन भेजना मुल्तवी कर दें, क्योंकि आन्दोलनके स्थगित होनेकी सम्भावना है।
भारतीय कांग्रेस द्वारा कराची में दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंके साथ दुर्व्यवहारकी निन्दा; गांधीजीके वीरतापूर्ण नेतृत्वकी प्रशंसा; गिरमिटिया प्रथापर प्रतिबन्ध लगाने की माँग और शिष्टमण्डल इंग्लैंड भेजनेका निर्णय।
दिसम्बर २७ के पूर्व : गांधीजीने रायटरकी एक भेंटमें संघ तथा साम्राज्य सर- कारोंके प्रति भारतीयोंकी राज-भक्तिपर जोर दिया तथा सत्याग्रहको पुनः प्रारम्भ करनसे बचनेके लिए उत्सुकता व्यक्त की।
दिसम्बर २७ : राबर्ट्सनके दक्षिण आफ्रिका पहुँचने तक कूच मुल्तवी रखनके बारेमें तार द्वारा गोखलेको विश्वास दिलाया। आशा की कि वाइसराय अथवा भारत- मन्त्री यूरोपीयोंकी हमदर्दीको नष्ट नहीं करेंगे। मैरित्सबर्गके भारतीयोंकी सार्व- जनिक सभाको बातचीतके बारेमें सूचना दी, किन्तु उन्हें संघर्षके लिए सजग रहने को कहा।
दिसम्बर २८: गोखलेका राबर्ट्सनके दक्षिण आफ्रिका पहुँचने तक कूचको पुनः प्रारम्भ न करनेके गांधीजीके वादेके बारेमें वाइसरायको तार। वाइसरायने गोखलेको सूचना दो कि राबर्ट्सन १ जनवरीको जा रहे हैं। दुर्व्यवहार, तथा आयोगके सदस्योंके खिलाफ आपत्तियोंका विवरण भेजनेके लिए गांधीजीको गोखलेका तार।