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आश्रम : आनुमानिक व्यय

आरम्भमें संस्थामें चालीस लोग होंगे। कुछ समयमें इस संख्याके पचास हो जानेकी सम्भावना है।

हर महीने औसतन दस अतिथि आनेकी सम्भावना है।

इनमें तीन या पाँच सपरिवार होंगे, इसलिए स्थानकी व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि परिवारवाले लोग अलग रह सकें और शेष एक साथ।

इसको ध्यान में रखते हुए तीन रसोईघर हों और मकान कुल ५०,००० वर्ग फुट क्षेत्रफलमें बने तो सब लोगोंके लायक जगह हो जायेगी।

इसके अलावा ३,००० पुस्तकें रखने लायक पुस्तकालय और अलमारियाँ चाहिए।

कमसे-कम पाँच एकड़ जमीन खेती करनेके लिए चाहिए।

कमसे-कम तीस लोग काम कर सकें इतने खेतीके औजार चाहिए। इनमें कुदालियों, फावड़ों और खुरपोंकी जरूरत होगी।

बढ़ईगीरीके निम्नलिखित औजार भी होने चाहिए:

५ बड़े हथौड़े

३ बसूले

५ छोटी हथौड़ियाँ

२ एरन

३ बर्मे

१० छोटी-बड़ी छेनियाँ

४ रंदे

१ सालनी

४ केतियाँ

४ छोटी-बड़ी बेधनियाँ

४ आरियाँ

५ छोटी-बड़ी सँड़ासियाँ

२० रतल कीलें, -छोटी और बड़ी

१ मोंगरा (लकड़ीका हथौड़ा)

मोचीके औजार

मेरे अनुमानसे इन सबपर कुल ५०० रुपया खर्च आयेगा।

रसोईके लिए आवश्यक सामानपर १५० रुपया खर्च आयेगा।

स्टेशन दूर होगा तो सामानको या मेहमानोंको लानेके लिए एक बैलगाड़ी या घोड़ा- गाड़ी चाहिए।

मैं खानेका खर्च १० रुपये मासिक प्रतिव्यक्ति लगाता हूँ। मैं नहीं समझता कि हम यह खर्च पहले वर्षमें निकाल सकेंगे; वर्षमें औसतन ५० लोगोंका खर्च ६,००० रुपये आयेगा।

मुझे मालूम हुआ है कि प्रमुख लोगोंकी इच्छा यह है कि अहमदाबादमें यह प्रयोग एक वर्ष तक किया जाये। यदि ऐसा हो तो अहमदाबादको ऊपर बताया गया सब