पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/१५६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
११०. पत्र : छोटालाल तेजपालको

[अहमदाबाद]

आषाढ़ बदी ५ [जुलाई ३१, १९१५ ]

२ फरवरी, १९२० के 'टाइम्स' [ ऑफ इंडिया ] में निम्न पंक्तियाँ हैं:

हमारी इच्छा है कि परमश्रेष्ठ के आगमनके समय वीरमगांव चुंगी-नाका हटा दिया जाये। यह भारतके प्रशासनपर एक धब्बा है और इससे उस उद्देश्य- की पूर्ति भी बहुत कम होती हैं, जिसके लिए यह नाका बनाया गया है।

मुझे ये पंक्तियाँ खोजकर भेजनेमें देर हो गई है, आशा है आप मुझे इसके लिए क्षमा करेंगे।

मोहनदास करमचन्द

रा० रा० छोटालाल तेजपाल
रामचन्द्र मेंशन
सैंडहर्स्ट रोड
गिरगाँव
बम्बई

गांधीजी के स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पत्र (जी० एन० २५८६) की फोटो-नकलसे।

१११. पत्र : वी० एस० श्रीनिवास शास्त्रीको

अहमदाबाद

अगस्त १ [ १९१५? ]

प्रिय श्री शास्त्रियर,

श्री राघवेन्द्र आपको यह पत्र देंगे। वे जिस योग्य सिद्ध हों उसी हैसियतसे सोसा- इटीमें सम्मिलित होना चाहते हैं। वे विविध अनुभव प्राप्त व्यक्ति जान पड़ते हैं। मैं कुछ समयसे उन्हें संवाददाताके रूपमें जानता हूँ।

हृदयसे आपका,

मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (जी० एन० ६२९०) की फोटो-नकलसे।

१. डाकखानेकी मुहरसे।

२. प्रतीत होता है कि यह पत्र गांधीजीने दक्षिण आफ्रिकासे लौटनेके बाद अपने भारत-वासके प्रारम्भिक वर्षों में लिखा था । वे १९१७, १९१८ या १९१९ में इस तारीखको अहमदाबादमें नहीं थे।

१ अगस्त १९१६ को वे अहमदाबादमें थे या नहीं, सो हमें नहीं मालूम; किन्तु हम यह जानते हैं कि १९१५ में इस तारीखको वे वहाँ थे।