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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अप्रैल २८, बुधवार

पाचयप्पा कॉलेजके शिक्षकोंके साथ बातचीत। श्रीमती बेसेंटके यहाँ समारोह। अलूरी रामराजने मेरे साथ होनेका निश्चय किया। आयु २९ वर्ष, मां-बाप मर गये हैं, भाषा तेलगू। तमिलका ज्ञान नहीं। बी० ए० है, संस्कृत जानता है, दो बड़े भाई हैं। ब्रह्मचारी है, और रहा है । १५ वर्ष से निरामिष है। छः व्रत लेनेको[१]तैयार है। आनेके लिए रेल-भाड़ेकी आवश्यकता नहीं। जुलाई महीनेमें आयेगा।

अप्रैल २९, बृहस्पतिवार

रामराजके साथ सुबह बातचीत हुई। उसने बुधवारकी टीपमें लिखे हुए व्रत लिये। कृष्णमाचारी वरदाचारी। उम्र २५ ... ६ वर्षसे विवाहित है, माँ-बाप नहीं, किसीका भरण-पोषण नहीं करना पड़ता। मेट्रिक्यूलेशनकी परीक्षा पास की है। तीन वर्षसे नौकर है। वेंकटापर सेतुराम अय्यर, आयु ३३, विवाह १८८९, तीन बच्चे, लड़का ७ वर्ष, लड़कियाँ ९ और २ वर्षकी आयुकी। बाप जीवित हैं। किसीका भरण-पोषण नहीं करना पड़ता। दोनोंके पास जमीन-जायदाद है। मेट्रिक्यूलेशन पास है। थोड़ी संस्कृत जानता है। गोविन्ददासके यहाँ पार्टी।[२]

अप्रैल ३०, शुक्रवार

सवेरे मायावरम् पहुँचा। वहाँसे घोड़ागाडीमें ट्रेंकेबार गया। रास्तेमें सेमनारकोइल रुका। शामकी सभा ट्रेंकेबारमें हुई।[३] पंचम [समाज] की ओरसे अभिनन्दन।[४]

मई १, शनिवार

सवेरे रामापुरम् और तेलियाड़ी गया। साँझको मायावरम् जानेके लिए निकला। वहाँ मानपत्र। [५] मायावरम् में एक हजार खड्डियाँ हैं, वे स्त्रियोंके लिए माल तैयार करते हैं। रातको मद्रासकी गाड़ी ली। सलवानका लड़का नायकर साथ आया।

मई २, रविवार

मद्रास पहुँचा। पंचम लोगोंके सम्बन्धमें नटे [सन] के साथ बातचीत। विद्यार्थियों के साथ मुलाकात।

मई ३, सोमवार

श्री शास्त्रियरके यहाँ भोजन करने गया। शामको नेलौरके लिए प्रस्थान। नेलौरमें दीवान बहादुर रामचन्द्र रावके यहाँ रहा। नायकर तथा अदा साथ थे। श्री सी० श्रीनिवास आयंगारने ५०० रुपये दिये। वह रकम नटेसनको सौंप दी।
 
  1. १. सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्वाद, अस्तेय व अपरिग्रह व्रत।
  2. २. देखिए “मद्रासके गुजरातियोंके मानपत्रका उत्तर”, २९-४-१९१५।
  3. ३. देखिए “भाषण: ट्रेंकेबारके स्वागत समारोहमें”, ३०-४-१९१५।
  4. ४. देखिए “ट्रेंकेबारमें दक्षिण भारतीय दलित-वर्ग संघके मानपत्रका उत्तर”, ३०-४-१९१५।
  5. ५. देखिए “भाषण: मायावरमके स्वागत समारोहमें”, १-५-१९१५।