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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
नवम्बर १४, रविवार
- नारणजी गये। सर फीरोजशाहके[१]सम्बन्धमें एक सभामें सम्मिलित हुआ।
नवम्बर १५, सोमवार
- इस्माइल सेठ तथा उनके मित्र गये। गोविन्दराव पाटिलके यहाँ गुजरात सभाकी बैठक हुई। उसमें धाराएँ आदि बनाई गईं।
नवम्बर १६, मंगलवार
- पेशाब करते समय तीव्र जलनका अनुभव किया।
नवम्बर १७, बुधवार
- जलन और भी बढ़ गई। नायकरकी माँ और उसका भाई आये ।
नवम्बर १८, बृहस्पतिवार
- सवेरे कुछ नहीं खाया। बहुत खून जाता है।
नवम्बर १९, शुक्रवार
- अभी दर्द जारी है।
नवम्बर २१, रविवार
- राजचन्द्र जयन्ती।[२]दर्द कम है। नायकर और उसकी माँ गये।
नवम्बर २२, सोमवार
- जयन्तीके सिलसिलेमें आश्रममें एक अन्य सभा हुई।
नवम्बर २३, मंगलवार
- डॉक्टर आये। मक्खनलाल गुप्ता आया।
नवम्बर २४, बुधवार
- मामा राजकोट आदि जानेके लिए निकले।
नवम्बर २५, बृहस्पतिवार
- डॉक्टर राजकोट गये। वालजी राजकोटसे आये।
नवम्बर २६, शुक्रवार
- पाटीदार बोडिंगका चन्दूलाल पूरा दिन बिताकर गया।
नवम्बर ३०, मंगलवार
- श्री देवले,[३]चिन्तामणि सखाराम आये।
- ↑ १. इसे १५ नवम्बरकी टीपमें होना चाहिए, देखिए “भाषण: फीरोजशाह मेहताके निधनपर”, १५-११-१९१५। प्रजाबन्धु द्वारा दी गई यह तारीख, नवम्बर ११, १९१५ के गुजराती में छपी रिपोर्ट से निश्चित कर ली गई है।
- ↑ २. देखिए “भाषण: अहमदाबाद में राजचन्द्र जयन्तीके अवसरपर” २१-११-१९१५।
- ↑ ३. भारत सेवक समाजके सदस्य। देखिए “भाषण: वीरमगाँव”, १-१२-१९१५।