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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

देशकी भाषा बन जायेगी, यह असम्भव ही है। जिन लोगोंको कोई नया ज्ञान या नया विचार प्राप्त करनेका सौभाग्य मिला है उन्हें अपने विचार अपने सम्बन्धियों और अपने देशवासियोंको [उनकी अपनी भाषामें] अवश्य समझाने चाहिए। जो युवक यह कहते हों कि वे अपने विचारोंको अपनी भाषामें ठीक-ठीक व्यक्त नहीं कर सकते उन युवकोंके सम्बन्धमें में तो यही कहूँगा कि वे अपनी मातृभूमिके लिए भार-स्वरूप हैं। किसी भी माँके सपूतको यह शोभा नहीं देता कि उसकी मातृभाषामें अपूर्णता हो तो उसे दूर करनेके बजाय वह उसका अनादर करने लगे और उसकी ओरसे मुँह फेरकर बैठ जाये। यदि हमारी वर्तमान पीढ़ी अपनी मातृभाषाकी उपेक्षा करेगी तो भावी पीढ़ियोंको उसके व्यवहारपर खेद प्रकट करना पड़ेगा। वह भावी पीढ़ियोंकी निन्दासे कभी बच नहीं सकेगी। आशा है, यहाँ बैठे हुए समस्त छात्र यह प्रतिज्ञा करेंगे कि वे अपने घरमें अंग्रेजीमें बातचीत नहीं करेंगे, विशेष आवश्यकता होगी तभी ऐसा करेंगे।

बच्चोंके माता-पिताओंको भी थोड़ा सावधान रहना चाहिए और जमानेकी बाढ़में बह नहीं जाना चाहिए। हमें अंग्रेजी भाषाकी आवश्यकता है, किन्तु अपनी भाषाका नाश करनेके लिए नहीं। हमारे समाजका सुधार हमारी अपनी भाषासे ही हो सकता है। हमारे व्यवहारमें सरलता और उत्कृष्टता भी हमारी अपनी भाषासे ही आयेगी। छात्रों और उनके माता-पिताओं सभीको अपनी भाषाका विस्तृत ज्ञान रखनेकी कोशिश करनी चाहिए। आज मुझसे जिस पुस्तकालयका उद्घाटन कराया जा रहा है वह पुस्तकालय यदि हमारी भाषाको परिपुष्ट करनेके बजाय क्षीण करनेवाला सिद्ध हो तो मुझे इस स्थितिका ज्ञान होनेपर अवश्य ही खेद होगा।

[गुजरातीसे]

गुजराती, १६-१-१९१६

 

१५३. भाषण : युवक-मण्डल, सूरतमें[१]

जनवरी ३, १९९६

हृदयसे हृदय मिल जानेपर अधिक क्या कहा जा सकता है ? मैं जब दक्षिण आफ्रिकामें था, तभी मुझे कई लोगोंने कहा था कि जब आप भारत जायेंगे तब आपके काममें दूसरे लोग चाहे मदद न करें; किन्तु वहाँ एक पाटीदार[२] युवक-मण्डल है वह अवश्य सर्वप्रथम सहायता करेगा। इसलिए भारत आनेपर जल्दीसे-जल्दी इस संस्थासे मिलनेकी मेरी इच्छा थी; मुझे इससे मिलकर बहुत सन्तोष हुआ है। मण्डल मेरी कितनी सहायता करेगा यह तो समय आनेपर ही मालूम होगा; किन्तु निश्चय ही उसमें चरित्रशील व्यक्ति हैं।

[गुजरातीसे]

गुजराती, ९-१-१९१६

  1. १. सूरत जिला पाटीदार युवक-मण्डल द्वारा दिये गये मानपत्रका उत्तर देते हुए।
  2. २. गुजरातकी एक खेती-पेशा जाति।