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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

वे दोपहर बाद पारसी थियेटरमें कच्छी और गुजराती समाजके समारोहमें गये और मजदूरोंके बारेमें बोले।

[अंग्रेजीसे]
बाम्बे सीक्रेट एब्स्ट्रैक्टस, १९१७; पृष्ठ १४६

२५८. भाषण: पारसी थियेटर, कराची में

मार्च २, १९१७

अपने आगमनके बाद श्री गांधीने कराचीमें पारसी थियेटरकी सार्वजनिक सभामें भारत-रक्षा-सेनामें भारतीयोंके सम्मिलत होनेके कर्त्तव्यके सम्बन्धमें एक निश्चित घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतवासी सेनामें अपनी भर्तीके लिए सरकारपर बार-बार जोर डालते रहे हैं; और अब चूँकि सरकारने उन्हें भर्ती करना स्वीकार कर लिया है, भारतवासियोंको बहुत बड़ी संख्या में भर्ती होकर मातृ-भूमिके प्रति अपने कर्त्तव्यका पालन करना चाहिए। मैं यह बात सत्याग्रहीके रूपमें नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यक्तिके रूपमें कहता हूँ जो इस सम्बन्धमें भारतीयोंका विचार जानने और अपने देशकी वर्तमान परिस्थितिको समझनेका दावा करता है। शस्त्रका उपयोग करने-न-करनेके सम्बन्धमें――चाहे वह आत्म-रक्षाके लिए ही क्यों न हो――मेरे कुछ दृढ़ विचार है; परन्तु जानता हूँ कि जो माँग स्वीकार हुई है, उसके लिए मेरे बहुत-से देशभाई पिछले कई वर्षोंसे आन्दोलन करते रहे हैं; और वे मेरे उन विचारोंसे सहमत नहीं हैं। ऐसे अवसर जीवनमें एकाध बार ही आते हैं। अपने देशसे प्यार करनेवाले किसी भी व्यक्तिको इसे खोना नहीं चाहिए। श्री सत्येन्द्र सिन्हाने[१]अपने अध्यक्षीय भाषणमें सबसे पहले इसी विषयको लिया था और खास तौरसे इसीपर जोर दिया। सर कृष्ण गुप्तने भी भारतीयों से आग्रह किया था कि वे सबसे पहले तो सेनामें प्रवेश प्राप्त करें। अब चूँकि सेनामें प्रवेश करनेका द्वार हमारे लिए खोल दिया गया है, इसलिए यदि हम इस सुयोगसे लाभ नहीं उठाते तो इससे हमारी, हमारे नेताओंकी और हमारे देशकी बदनामी होगी। व्यवसायी लोग अपने व्यवसायों को अपने कर्त्तव्य-मार्गमें बाधक न बनने दें। बल्कि उन्हें जानना चाहिए कि यदि वे अपने देशकी सुरक्षाकी परवाह नहीं करते या उसमें असमर्थ सिद्ध होते हैं, और परिणामतः शत्रु उनके देशपर अधिकार कर लेता है, तो उनका सारा व्यवसाय नष्ट हो जायेगा। मेरे विचारसे यह विधेयक [२] स्वराज्यकी पहली सीढ़ी है; और यदि हम सरकारके इस सद्भावना पूर्ण कदमका आदर नहीं करते हैं तो

  1. १. (१८६४-१९२८); वकील, राजनयिक और भारत सरकार में प्रथम भारतीय मन्त्री; १९१५ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके बम्बई अधिवेशनके अध्यक्ष।
  2. २. भारतीय प्रतिरक्षा विधेयक।