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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

माननीय राजा हरिहरप्रसाद नारायणसिंह,[१] बिहार और उड़ीसा व्यवस्थापिका परिषद्के सदस्य।

माननीय श्री डी. जे० रीड, बिहार और उड़ीसा व्यवस्थापिका परिषद्के सदस्य।

जी० रेनी महोदय, आई०सी० एस०, भारत सरकारके राजस्व विभागके उपसचिव।

मो० क० गांधी।

मन्त्री

ई० एल० टैनर आई० सी० एस०, दक्षिण बिहारके बन्दोबस्त-अधिकारी।

“समितिके कर्त्तव्य इस प्रकार होंगेः

(१) चम्पारन जिलेके जमींदारों और किसानोंके सम्बन्धोंकी जाँच करना, इसमें नीलकी खेती और नील तैयार करनेसे सम्बन्धित समस्त विवाद आ जाता है;
(२) इन विषयों में प्राप्त प्रमाणोंकी जाँच करना और स्थानीय रूपसे और अन्यथा, जैसा समिति उचित समझे, आगे जाँच करके अन्य प्रमाणोंको इकट्ठा करना और
(३) अपने निष्कर्षोंसे सरकारको अवगत करना और साथ ही जिन अनुचित प्रथाओं एवं शिकायतोंका उसे पता चले उनको दूर करनेके उपाय सुझाना।

“सपरिषद् लेफ्टिनेंट गवर्नर चाहते हैं कि जाँच-समिति तथ्योंका पता लगानेके लिए जो कार्यविधि ठीक समझे उसे अपनाने के लिए स्वतन्त्र रहे।

“समितिकी बैठक १५ जुलाईके आसपास होगी और अपना कार्य तीन महीनेमें पूरा कर लेगी, ऐसी आशा है।

समितिकी कार्यप्रणाली

२. जाँच-समितिने प्रान्तके अखबारोंमें एक सूचना छपवाई थी और वह मोतीहारीमें कलक्टरकी कचहरी और बेतियाकी तहसीलमें भी चस्पाँ की गई थी। इसमें कहा गया है कि जिन व्यक्तियों, संघों और सार्वजनिक संस्थाओंको लिखित गवाही देनी हो, वे अपनी गवाहियाँ समितिके मन्त्रीको भेज दें। उसमें यह भी कहा गया था कि समिति की बैठकें बेतिया, मोतीहारी और अन्य केन्द्रोंमें, जहाँ बैठकें करना आवश्यक समझा जाये, १५ जुलाईसे आरम्भ होंगी।

इस सूचनापर बिहार बागान मालिक संघ (प्लांटर्स एसोसिएशन) एक नीलकी कोठीके मैनेजर और एक अन्य जमींदारीके मैनेजर; पच्चीस किसानों, बेतिया राजके मैनेजर श्री ह्विटी, सी० आई, ई०, आई० सी० एस०, उत्तरी बिहारके बन्दोबस्त-अधिकारी श्री स्वीनी, आई० सी० एस०, तिरहुतके कमिश्नर श्री लुई, आई० सी० एस०, सब-डिविजन ऑफीसर, बेतिया, श्री एल० एफ० मॉर्सहैड, आई० सी० एस० और बेतियाके

  1. १. माननीय राजा हरिहरप्रसाद नारायण सिंहने बीमार हो जानेके कारण समितिकी बैठक होनेसे पहले ही समितिकी सदस्यतासे इस्तीफा दे दिया था और उनके स्थानपर स्थानीय सरकारने अपने ९ जुलाई १९१७ के प्रस्ताव सं० २३९९-ग द्वारा बनैलीके राजा कीर्त्यानन्दसिंह, सदस्य, व्यवस्थापिका परिषद्, बिहार और उड़ीसाको, समितिका सदस्य नियुक्त कर दिया था।