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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
जून १७: नडियादमें अपने साथियोंके साथ भरतीके बारेमें सलाह-मशविरा किया।
जून २१: नडियादमें भरती-अभियान शुरू करते हुए सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।
जून २२: नडियादसे भरती होनेकी अपील करते हुए पहली पत्रिका छापी।
जून २४: अहमदाबादमें गवर्नरके भाषणके विरोधमें बोले; लोगोंसे भरती होनेकी अपील की।
जून २६: रासमें भरती होनेकी आवश्यकतापर भाषण।
जून २७: खेड़ामें जेल-मुक्त सत्याग्रहियोंके स्वागतार्थ आयोजित समारोहमें सत्याग्रहके/महत्त्व और वलपर प्रकाश डाला।
जून २८: कठलालमें ‘प्याज सत्याग्रह‘ के अग्रणी मोहनलाल पंड्याको जेलसे मुक्त होने पर मानपत्र भेंट करने के लिए आयोजित सभामें सत्याग्रहकी तुलना कल्पवृक्षसे की।
जून २९: गांधीजीको खेड़ा सत्याग्रहकी सफल समाप्तिपर सभामें मानपत्र भेंट किया गया।
जुलाई ८: मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड संवैधानिक सुधारोंपर रिपोर्ट प्रकाशित।
जुलाई ९: जिन्नाको पत्र लिखा कि उन्हें भरतीके लिए काम करनेके साथ-साथ मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड सुधार योजनामें परिवर्तन करनेके लिए भी आग्रह करना चाहिए।
जुलाई १४: करमसदमें भरतीके सम्बन्धमें भाषण।
जुलाई १७: बम्बईसे नडियाद वापस आ गये।
जुलाई १८: शास्त्रीके अनुरोधपर उन्हें मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड सुधार योजनाके सम्बन्ध में अपने विचार लिख भेजे।
प्रैटकी अध्यक्षतामें हुई सभामें घोषणा की कि जबतक मेरे गुजराती भाई ही आनाकानी करते हों तबतक भरतीके कामके लिए मैं निस्संकोच भावसे गुजरातसे बाहर नहीं जा सकता।
जुलाई २२: भरतीकी अपील करते हुए दूसरी पत्रिका प्रकाशित की। गोविन्द मालवीयको पत्र लिखा कि मॉण्टेग्यु चैम्सफोर्ड योजना अच्छी है और उसकी कमियाँ आन्दोलन द्वारा दूर की जा सकती हैं।
जुलाई २७: दक्षिण आफ्रिकाके संघर्षके साथी सोराबजी शापुरजी अडाजानियाकी अकाल मृत्युपर ‘बॉम्बे क्रॉनिकल’ को पत्र।