पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/५६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

( अगस्त १, १९१८ से जुलाई ३१, १९१९)

अगस्त १ : गांधीजीका सूरतमें भाषण, जिसमें उन्होंने सोराबजी शापुरजी अडाजानियाके परिवार के साथ समवेदना प्रकट की और लोगोंसे फौज में भरती होनेके लिए कहा। अगस्त

६ : भारत तथा साम्राज्यके अन्तर्गत अन्य स्वशासित देशोंके सम्बन्धमें साम्राज्यीय सम्मेलनमें प्रस्ताव पास किया गया ।

अगस्त १० : गांधीजीने सुरेन्द्रनाथ बनर्जीको मॉण्टफोर्ड-सुधारों तथा नरम और गरम दलोंके मतभेदोंके सम्बन्धमें पत्र लिखा ।

अगस्त ११ : नडियाद में सख्त बीमार ।

अगस्त १२ : मानव-दया सम्मेलनका अध्यक्ष बनना अस्वीकार करते हुए बी० जी० हॉर्निमैन को पत्र लिखा ।

अगस्त १५ : साम्राज्यीय सम्मेलनके प्रस्तावोंके फलितार्थोके बारेमें लेख लिखा । अगस्त

१७ : मनसुखलाल रावजीभाईको लिखा कि उन्होंने कांग्रेस अधिवेशन तथा नरम दलके सम्मेलनमें उपस्थित न होनेका निश्चय किया है । मिल मजदूरोंके मामले में किये गये पंच-निर्णयके सम्बन्धमें आनन्दशंकर ध्रुवको पत्र लिखा ।

अगस्त २० : समर्थको पत्र लिखा कि मॉण्टफोर्ड योजनामें संशोधनकी आवश्यकता है । अगस्त

२३ : अस्वस्थ अवस्थामें नडियादसे अहमदाबाद लाये गये । सेठ अम्बालालके घर ठहरे । अगस्त

२५ : बी० चक्रवर्तीको पत्र लिखा कि कांग्रेस, गरमदल और नरमदलके नेताओंसे उनका क्या मतभेद है । बा० गं० तिलकको रंगरूटोंकी भरतीके विषयमें पत्र लिखा ।

अगस्त २९ : बम्बई में कांग्रेसका विशेष अधिवेशन सैयद हसन इमामकी अध्यक्षतामें । गांधीजीने ट्रान्सवालमें भारतीयोंके प्रवासके सम्बन्धमें अखबारोंको पत्र लिखा । सी० एफ० एण्ड्रयूजको पत्र लिखा: “ मैं नहीं चाहता कि शान्तिनिकेतनके तुम्हारे कार्यमें किसी भी तरह बाधा पड़े।'

अगस्त ३१ : राजा साहब महमूदाबादकी अध्यक्षतामें बम्बई में मुस्लिम लीगकी बैठक ।

सितम्बर १ : कांग्रेसके विशेषाधिवेशनमें मॉण्टफोर्ड योजनापर प्रस्ताव स्वीकृत ।

सितम्बर ४ : शाही परिषद्, शिमलामें वाइसरायका मॉण्टफोर्ड-सुधारोंपर भाषण ।

सितम्बर ८ : लन्दन में सर रतन टाटाका स्वर्गवास ।

सितम्बर ९ : न्यायमूर्ति टी० सदाशिव अय्यरकी अध्यक्षतामें मद्रासकी सार्वजनिक सभामें गांधीजीके रोगमुक्त होनेपर ईश्वरको धन्यवाद दिया गया । गांधीजीने डॉक्टर प्र० चं० रायको लिखे पत्र में दूध या दूधसे बनी कोई भी चीज न खानेके संकल्पको दुहराया।