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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

तथा भारत-मन्त्रीसे तार द्वारा यह प्रार्थना की कि मार्शल लॉ आयोग द्वारा दी गई सजाओंको तबतक मुल्तवी रखा जाये जबतक जाँच न हो जाये । भारत सरकारने सजाओंको मुल्तवी करनेसे इनकार कर दिया ।

जून २७ : गांधीजीने कालीनाथ रायकी रिहाईकी प्रार्थना करते हुए एक आवेदनपत्र जिस पर डी० ई० वाछा, सर ना० गो० चन्दावरकर तथा अन्य लोगोंके हस्ताक्षर थे, वाइसरायको भेजा ।

सत्याग्रह — सभाके तत्वावधान में की गई बम्बईकी एक सार्वजनिक सभाकी अध्यक्षता की।

दक्षिण आफ्रिकामें भारत विरोधी अधिनियमोंके बारेमें एस० टी० शेपर्डको पत्र ।

जून २८ : वरसाईके सुलहनामेपर हस्ताक्षर हुए।

गांधीजीने सत्याग्रह पुनः आरम्भ करनेके सम्बन्धमें वाइसरायके निजी सचिव के पत्रका उत्तर दिया ।

बम्बईकी एक सार्वजनिक सभामें स्वदेशीपर भाषण ।

जून २९ : मुस्लिम समस्याके बारेमें मुहम्मद अलीको पत्र लिखा ।

अहमदाबाद में वनिता विश्राम कन्या-पाठशालाकी नींव रखनेके अवसरपर भाषण ।

जून ३० : अहमदाबादके डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंटको पत्र लिखा कि में

सत्याग्रह पुनः शुरू करनेके पूर्व अधिकारियोंको सूचित करूँगा ।

सत्याग्रह - सभा द्वारा १५ जूनको पास किये गये प्रस्तावके आधारपर

सत्याग्रहियोंके लिए हिदायतें लिखीं। आश्रमसे बम्बईके लिए रवाना ।

जुलाई १ से पूर्व : स्वदेशी सभाकी नियमावलीका मसविदा तैयार किया ।

जुलाई १ : इन्स्पेक्टर जनरल तथा पुलिस कमिश्नर, बम्बईसे मुलाकात । एक वक्तव्यमें कहा कि में ८ जुलाईसे पूर्व सत्याग्रह शुरू न करूँगा और शुरू करनेसे पहले उसकी सूचना अधिकारियोंको अवश्य दूँगा ।

बम्बई में केन्द्रीय स्वदेशी सभाका उद्घाटन किया; इसकी शाखाएँ पूरे भारतमें खोली गई।

जुलाई २: प्रेस एसोसिएशन ऑफ इंडियाने प्रेस ऐक्टको रद करनेकी प्रार्थना करते हुए ब्रिटेनके प्रधान मन्त्री तथा भारत-मन्त्रीको तार भेजा ।

गांधीजीने दक्षिण आफ्रिकाके प्रश्नपर 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में प्रकाशित अग्र लेखके लिए धन्यवाद देते हुए एस० टी० शेपर्डको पत्र लिखा ।

जुलाई ३ : दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंपर लगाये गये प्रतिबन्धोंकी निन्दा करते हुए समाचारपत्रोंको तथा भारत सरकारके उद्योग और वाणिज्य विभागके सदस्यको पत्र लिखे ।

स्वदेशी आन्दोलनमें दिलचस्पी लेनेका निवेदन करते हुए आर० बी० यूबैंकको पत्र लिखा ।

जुलाई ४ : बम्बई में स्वदेशी सभाके तत्त्वावधान में आयोजित एक सार्वजनिक सभामें भाषण ।