पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/६१७

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

(अगस्त, १९१९ से जनवरी, १९२०)

अगस्त १ : गांधीजी कालोलकी हथकरघा फैक्टरी देखने गये। स्वदेशीपर भाषण दिया।


अगस्त २ : स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा मार्शल लॉके पीड़ितोंकी सहायतार्थ डेढ़ लाख रुपये इकट्ठा करने की अपील; गांधीजीने 'यंग इंडिया' में इसका समर्थन किया।


अगस्त ४ : गांधीजीने बम्बई में 'हिन्दू' के प्रतिनिधिको भेंट देते हुए कहा कि यदि सरकार रौलट कानून रद नहीं करेगी तो मैं सत्याग्रह पुनः आरम्भ कर दूंगा।


अगस्त ५ : बम्बई में अमृतलाल सुन्दरजीकी स्मृति में आयोजित गुजरातियोंकी सभाकी अध्यक्षता।


अगस्त ६ : अहमदाबाद के जिला जज द्वारा सत्याग्रह शपथ लेनेवाले वकीलोंके विरुद्ध की गई कार्रवाईकी गांधीजीने 'यंग इंडिया' में 'धृष्टतापूर्ण' कहकर उसकी भर्त्सना की।


अगस्त ८ : पूनामें डेकन सभाकी बैठक में ट्रान्सवालके भारतीय विरोधी कानूनों और गुजराती बन्धु समाजमें स्वदेशीपर भाषण।


अगस्त १४ : गोधरामें स्वदेशी भण्डारका उद्घाटन; कलक्टर तथा स्थानीय नेताओंसे बेगारके विषय में बातचीत; स्टुअर्ट पुस्तकालय देखने गये। सार्वजनिक सभा और महिलाओं की सभामें स्वदेशीपर भाषण।


अगस्त १५ : विशाल सार्वजनिक सभामें सरकारसे पंजाबकी स्थितिकी निष्पक्ष जांच करने की मांग; लोगोंसे सहायता कोष में धन देनेका अनुरोध।


अगस्त १९ : बम्बई में सत्याग्रहियों की सभामें घोषणा की कि 'यंग इंडिया' के गुजराती संस्करणका प्रकाशन भी शुरू किया जायेगा। उसी सभामें सरकारको प्रार्थनापत्र आदि देनेके पश्चात् पुनः सत्याग्रह प्रारम्भ किये जानेकी बात कही।


अगस्त २२ : एस्थर फैरिंगको देशसे निर्वासित करनेके प्रस्तावके विरोधमें लॉर्ड विलिंग्डनको पत्र; उन्हें आश्रममें आने की अनुमति देनेका अनुरोध।


अगस्त २५ : कॉवीको लिखे पत्रमें स्वदेशी सम्बन्धी विचार और तर्क प्रस्तुत किये तथा आन्दोलनके लिए बम्बईके गवर्नरका समर्थन और प्रोत्साहन प्राप्त करनेकी इच्छा व्यक्त की।


अगस्त २७ : मौलाना अब्दुल बारीको पत्र लिखा कि अली बन्धुओंकी रिहाईकी माँग असामयिक है।


अगस्त २८ : सुरेन्द्रनाथ बनर्जीके नेतृत्वमें एक शिष्टमण्डलने ट्रान्सवाल व्यापारिक अधिनियमका विरोध करने के लिए मॉण्टेग्युसे भेंट की।


अगस्त ३१ : दाहोदमें महिलाओं की सभा में स्वदेशीपर भाषण; बुनकरोंकी सभामें जातिभेद त्याग देनेका आग्रह।