११२. प्रान्तीय कांग्रेस कमेटियोंके नियमोंका मसविदा
१. नये संविधान के[१]अनुसार नये बनाये गये प्रान्तमें[२]पुरानी प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी या पुरानी जिला कांग्रेस कमेटी, प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी बन जायेगी।
२. वर्तमान सदस्य जो कांग्रेसके नये ध्येय और साधनोंको स्वीकार करते हैं, तुरन्त प्रान्तको जिलोंमें बाँटनेकी कार्रवाई करेंगे। वर्तमान राजनीतिक जिले जहाँ-कहीं सम्भव होगा, ज्योंके-त्यों रहेंगे।
३. इस प्रकारका प्रत्येक जिला ताल्लुकों या तहसीलोंमें विभक्त कर दिया जायेगा; किन्तु यथासम्भव वर्तमान विभाजन ज्योंके-त्यों रखे जायेंगे।
४. प्रत्येक ताल्लुका फिरकों या मंडलोंमें विभक्त कर दिया जायेगा।
५. प्रत्येक वर्तमान जिला कमेटी उन ग्रामीणोंमें से, जो उसके अधिकार-क्षेत्र में है, संविधानके अनुसार वांछनीय संख्या में सदस्य बनायेगी और वे सदस्य कांग्रेसके प्रतिनिधियों और विभिन्न जिला कांग्रेस कमेटियोंमें भेजे जानेवाले प्रतिनिधियोंका चुनाव करेंगे।
६. प्रत्येक सोमवारको वर्णानुक्रमसे सदस्योंकी एक सूची बनाकर प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीको भेजी जायेगी। इस सूची में प्रत्येक सदस्यका पूरा नाम, पता और व्यवसाय लिखा होगा।
७. प्रत्येक जिला कमेटीका दायित्व होगा कि वह सदस्योंसे सदस्यताका शुल्क इकट्ठा करे और उसका आधा अंश नियम ६ में उल्लिखित सूची भेजते समय उसके साथ ही प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीको भेजे।
८. जिस गाँवके कांग्रेस संगठनमें गाँव ५ से अधिक सदस्य हों वह अपना मन्त्री, कोषाध्यक्ष, अध्यक्ष तथा दो और सदस्य चुनेगा, जो गाँवकी पंचायतका काम करेंगे।
९. यह पंचायत गाँव में रहनेवाले प्रत्यक बालक या बालिकाको प्राथमिक शिक्षा देने, प्रत्येक घरमें चरखे पहुँचाने तथा गाँव में रोग-निवारण तथा सफाईकी व्यवस्था करेगी, और उसका यह दायित्व भी होगा कि वह कांग्रेसके असहयोग-विषयक प्रस्ताव से सम्बन्ध रखनेवाली अन्य सब बातोंको, जहाँतक वे गाँवपर लागू होती हैं, कार्यान्वित करे।
१०. जिला कमेटीका यह कर्त्तव्य होगा कि वह अपने क्षेत्रके ग्राम-संगठनों तथा अन्य संगठनोंके कामकी देखरेख और नियमन करे।
११. हर जिला कांग्रेस कमेटी में दस सदस्य होंगे, जिनका चुनाव विभिन्न संगठनोंके सदस्य करेंगे और जहाँतक सम्भव होगा इसमें जिलेकी मुसलमान आबादीके