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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय

उपस्थित प्रतिनिधियोंका विवरण

क्र॰ सं॰ महिलाएँ मुसलमान पारसी सिख अन्त्यज शेष
१. १० ३६५
२. ३२
३. २५३
४. २९ २६६
५. ११ २२ १४५
६. १५
७. ५१
८. १७ ६७ ५४ ३८०
९. ११ ५१
१०. १३ ६८
११. ११ १३ ३७५
१२. १०५
१३. ३८
१४. १५
१५.
१६. १३ १४७
१७. १० ३६ ३२३
१८. १० ११४ ७६१
१९. २९ १७०
२०. ८३ ४६८
  ——— ——— ——— ——— ——— ———
  १०६ ४६९ ६५ ४,०७९[१]

इससे यह मालूम होता है कि कुल आने योग्य ६,१७३में से ४,७२६ प्रतिनिधि अधिवेशनमें आये। अबतक ऐसा होता था कि प्रतिनिधियोंकी संख्या स्थानीय प्रतिनिधियोंसे बहुत बढ़ जाती थी क्योंकि कांग्रेसके पुराने विधानके अनुसार वे सिर्फ १०) देकर अनायास ही प्रतिनिधि हो जाते थे। इस बार श्री मालवीयजी तक प्रतिनिधि नहीं माने गये; क्योंकि वे प्रतिनिधि निर्वाचित नहीं हुए थे। अतएव यह वास्तविक संख्या ४, ७२६ अच्छी संख्या थी। संयुक्त प्रान्त और बंगालमें हजारोंकी संख्यामें गिरफ्तारियाँ हुईं। तिसपर भी उन प्रान्तोंसे क्रमशः ८८८ और ३७३ प्रतिनिधि आये थे और सुदूर असम और उत्कल प्रान्तोंसे क्रमश: १७ और १०८। इससे यह प्रकट होता है कि लोग राष्ट्रीय कांग्रेसमें कितनी दिलचस्पी ले रहे हैं। प्रायः सभी प्रान्तोंसे कुल मिलाकर १०६ महिला प्रतिनिधि भी उपस्थित थीं। यह भी कोई कम महत्त्वकी बात नहीं है। ६५ सिख प्रतिनिधियोंकी उपस्थिति भी बहुत ही सराहनीय है। दो वर्ष पहले मुश्किलसे

  1. मूलमें यही संख्या दी गई है। इसका योग ४०३३ होता है।