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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

उत्तेजित होकर हमें पागल नहीं बनना चाहिए । क्या लॉर्ड रीडिंग इस मामलेमें भी यह दलील देकर इसका महत्त्व कम करनेके लिए तैयार होंगे कि अधिकारी अपने एक बड़े ही कठिन कर्त्तव्यका पालन करनेमें लगे हैं ?

चटगाँवकी कुर्बानी

चटगाँवकी घटनाओंका सजीव चित्रण करनेवाला पत्र जिस दिन मुझे मिला था, उसी दिन तारसे यह सूचना भी मिली कि वह पत्र भेजनेवाले बाबू प्रसन्नकुमार सेन' भी गिरफ्तार कर लिये गये हैं । वहाँ गिरफ्तार होनेवाले स्वयंसेवकोंकी कुल संख्या अब तीन सौतक पहुँच गई है । पाठकोंको बाबू प्रसन्नकुमार सेनके पत्रके ये अंश दिलचस्प लगेंगे :

अभीतक वास्तव में हम लोग यह नहीं समझ पा रहे थे कि सविनय अवज्ञा आरम्भ करनेका सबसे अच्छा तरीका कौन-सा होगा । कांग्रेस कार्य-समितिके दिल्ली में स्वीकार किये गये प्रस्तावके बाद हमने लोगोंको कठोरता से अहिंसाका पालन करनेका पाठ पढ़ाना आरम्भ कर दिया । हमारे प्रचारक ८ दिसम्बरको लौटनेवाले थे, लेकिन उस तारीख से पहले ही १७ नवम्बरकी कलकत्तेकी हड़तालके कारण एंग्लो-इंडियन उग्र-पंथियोंके उकसावेमें आकर बंगाल सरकारपर पागलपन सवार हो गया और उसने भूले-बिसरे कानूनों और तरीकोंसे लाभ उठाकर स्वयंसेवक-संगठनोंको अवैध घोषित कर दिया। इस प्रकार उसने हमारी सहायता की है ।

पिछले कुछ दिनोंसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक दृढ़ निश्चय लेकर पाँच-पाँचके जत्थों में प्रसन्नतासे जेल जा रहे हैं । उन्होंने जो अनुशासन और संयम दिखाया है वह असाधारण है और यदि आप अत्युक्ति न मानें तो मुझे यह कहने में जरा भी संकोच नहीं होगा कि इस दृष्टिसे वे युद्ध-क्षेत्रमें जानेवाले अच्छेसे-अच्छे अनुशासनबद्ध सैनिकोंकी बराबरी कर सकते हैं । पिछले तीन दिनोंमें तिरेसठ व्यक्ति गिरफ्तार हो चुके हैं । मुफस्सिल स्थानोंसे स्वयंसेवकोंका ताँता बँधा हुआ है और हमारा विश्वास है कि जल्दी ही इन बहादुर नौजवानोंको रखनेके लिए चटगाँव जेल में अधिकारियोंको जगह नहीं मिलेगी ।

इस प्रकार सरकारने शान्तिको अवैध और शान्तिके पहरुओंको अपराधी घोषित कर दिया है । वह उनको स्वेच्छासे शान्तिपर अमल नहीं करने देती, वरन् समय-समय-पर केवल अंकुशके जोरसे उनको शान्तिका अमल सिखाती है ।

मिले-जुले इरादे

एक मित्रने मुझे बताया है कि सरकार स्वयंसेवक-संगठनोंको इस कारण दबा रही है कि उसे इस बातका भरोसा नहीं कि ये सदा शान्तिपूर्ण बने रहेंगे । पत्र-लेखकने आगे लिखा है :

१. वकील और चटगाँव जिला कांग्रेस कमेटीके मन्त्री ।