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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

(२२ नवम्बर, १९२५ से १० फरवरी, १९२६ तक)

२२ नवम्बर : 'नवजीवन' में 'दक्षिण आफ्रिकाना सत्याग्रहनो इतिहास' पुस्तककी अन्तिम किस्तके रूपमें २६वाँ अध्याय प्रकाशित हुआ।
२४ नवम्बर: कुछ आश्रमवासियों द्वारा आश्रमके नियमोंका भंग होनेके प्रायश्चित्त- स्वरूप प्रार्थना सभामें सात दिनका उपवास करनेका निर्णय सूचित किया।
२६ नवम्बर : भारतीय शिष्टमण्डल दक्षिण आफ्रिकाके लिए रवाना।
१ दिसम्बर : उपवास समाप्त करनेसे पूर्व विद्यार्थियों के समक्ष भाषण दिया। उपवासकी समाप्तिपर समाचार पत्रोंको वक्तव्य दिया।
५ दिसम्बर: गुजरात विद्यापीठके दीक्षान्त समारोहमें भाषण दिया। आचार्य गिडवानीके चित्रका अनावरण किया।
६ दिसम्बर: धोलकाकी सार्वजनिक सभाको सन्देश दिया।
७ दिसम्बर: घोलकासे अहमदाबाद और अहमदाबादसे बम्बईके लिए रवाना।
८ दिसम्बर: गुजराती राष्ट्रीय शाला, बम्बईमें भाषण दिया।
९ दिसम्बर: वर्धाके लिए रवाना।
१० दिसम्बर : वर्धा पहुँचे और वहाँ ११ दिन रहे।
२१ दिसम्बर: वर्धा आश्रमवासियों के समक्ष भाषण दिया।
२२ दिसम्बर: कानपुर कांग्रेस अधिवेशनके लिए वर्धासे रवाना।
२३ दिसम्बर: कानपुर पहुँचे।
२४ दिसम्बर : कानपुरकी स्वदेशी प्रदर्शनीका उद्घाटन करते हुए भाषण दिया। विषय समितिकी बैठकमें मतदान सम्बन्धी प्रस्तावपर भाषण दिया।
२६ दिसम्बर: कांग्रेस अधिवेशनमें दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंकी स्थिति सम्बन्धी प्रस्तावपर बोले।
२९ दिसम्बर: एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया के प्रतिनिधिसे भेंट की।

१९२६

३ जनवरी: 'नवजीवन' में सार्वजनिक जीवनसे सालभरका संन्यास लेने, आश्रममें ही विश्राम करने और उसकी देखभाल करनेका अपना निर्णय प्रकाशित किया।
७ जनवरी: 'यंग इंडिया में "टिप्पणियाँ" के अन्तर्गत दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंसे सम्बन्धित श्री एन्ड्रयूजके कार्यों तथा बिशप फिशरकी पुस्तिकाकी सराहना की।