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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५५४

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टिप्पणियाँ तिलक, लोकमान्य बाल गंगाधर (१८५६-१९२०) : भारतके महान राष्ट्रीय नेता, विद्वान और ग्रंथकार । देखिए खण्ड २, पृष्ठ ४१८ । दादाभाई नौरोजी (१८२५-१९१७) : पथदर्शक भारतीय राजनीतिज्ञ, ब्रिटिश संसदके और लंदन में कांग्रेसकी ब्रिटिश समितिके सदस्य । देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९३ । बाम्बे प्रेसिडेन्सी असोसिएशन : १८८५ में बम्बई में स्थापित संस्था, जिसका उद्देश्य " सब उचित और वैध उपायोंसे लोकहितकी हिमायत और वृद्धि करना था । " भावनगरी, सर मंचरजी मेरवानजी (१८५१-१९३३) : भारतीय बैरिस्टर, जो इंग्लैंडके निवासी बन गये थे; भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकी ब्रिटिश समितिके तथा ब्रिटिश संसदके सदस्य । देखिए खण्ड २, पृष्ठ ४२० । मेहता, सर फीरोजशाह (१८४५-१९१५) : भारतीय कांग्रेसके एक प्रमुख नेता; देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९५ । रानडे, महादेव गोविन्द (१८४२ - १९०१ ) : एक यशस्वी भारतीय नेता, समाज-सुधारक और ग्रंथकार । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके संस्थापकों में से एक। देखिए खण्ड २, पृष्ठ ४२०-२१ । रुस्तमजी, पारसी जीवनजी : नेटालके एक प्रमुख भारतीय व्यापारी । देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९५ । वेडरबर्न, सर विलियम : भारतीय सिविल सर्विसके एक यशस्वी सदस्य । बादमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेससे सम्बन्ध जोड़ लिया। देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९६ । हंटर, सर विलियम विल्सन (१८४०-१९००) : भारतीय सिविल सर्विसके विशिष्ट सदस्य । लेखक और भारतीय मामलोंके अधिकारी विद्वान । देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९६ । 0 Gandhi Heritage Portal