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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

और बहनों द्वारा काते और बुने वस्त्र खरीदकर उनकी सहायता कीजिए। आप खादी पहनकर उनकी वास्तविक सहायता कर सकते हैं। और अगर आप खुद ही कताई करें और अपने सगे-सम्बन्धियोंसे और अधिक कतवायें तो उनको और भी ज्यादा सहायता मिल सकती है। मैं आपको बता दूं कि हमारे अहमदाबाद के मजदूर ऐसा कर रहे हैं और इस महान् कार्य में हाथ बँटा रहे हैं। आप यह भी बखूबी समझ सकते हैं कि आप हड़तालके दिनोंमें कताईके जरिए अपनी जीविका कमानेसे अच्छा अन्य कोई काम नहीं पा सकते। यह एक बड़ी महत्त्वपूर्ण बात है और मेरा आग्रह है कि आप इसे सदा ध्यान में रखें। यहाँसे जाने से पहले, मैं आप मजदूरोंसे एक बात और कहूँगा । लोग अकसर कहा करते हैं कि मजदूरोंमें नैतिक भावना अधिक या प्रबल नहीं होती। मैं चाहता हूँ कि आपमें से प्रत्येक मजदूर अपनी पत्नीके अतिरिक्त अन्य सभी स्त्रियोंको अपनी माँ-बहनके समान ही माने। आपको नैतिक रूपसे दृढ़ बनना चाहिए, क्योंकि आपके भाग्यका दारोमदार इसी बातपर है। आशा है, आप इसे भूलेंगे नहीं। ईश्वर आपको विवेक और शक्ति दे।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, २९-८-१९२७

३८०. भाषण : आदि कर्नाटकोंके समक्ष

२८ अगस्त, १९२७

मजदूर संघके समारोहके समाप्त होते ही महात्माजी और उनके साथी मोटरमें बैठकर न्यू मैसूर रोडके रास्ते आदि कर्नाटकोंकी बस्तीमें पहुँचे। आदि कर्नाटक सैकड़ोंकी संख्या में महात्माजीका स्वागत करने के लिए इकट्ठे हुए थे। उनमें बहुत-सी महिलाएँ भी थीं। उन्होंने कुछ सोधे-सादे गीत गाकर अपने विशिष्ट अतिथियोंका मनोरंजन किया। इसके बाद महात्माजीने कहा :

आदि कर्नाटक भाइयो,

आज आप लोगोंसे मिलकर मैं बहुत खुश हूँ। और मैं आपसे दो बातें कहना चाहता हूँ। आपको मांस नहीं खाना चाहिए और न गोवध ही करना चाहिए । यह आपके धर्म, हिन्दू धर्म के विरुद्ध है और आप सब लोग हिन्दू हैं। यदि आप मुझसे यह कहें कि चमड़ेका व्यापार हमें करना ही है तो मैं आपसे केवल मृत पशुओंके चमड़ेका इस्तेमाल करनेके लिए कहता हूँ। आप शराब न पियें, पाप न करें। खद्दर पहनिए और अपनी गरीब बहनों तथा भाइयोंकी रक्षा कीजिए। इस बातको सदा याद रखिए ।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, २९-८-१९२७