पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 36.pdf/१६

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पाठकोंको सूचना

हिन्दी की जो सामग्री हमें गांधीजी के स्वाक्षरों में मिली है उसे अविकल रूप में दिया गया है। किन्तु दूसरों द्वारा सम्पादित उनके भाषण अथवा लेख आदि में हिज्जों की स्पष्ट भूलें सुधार दी गई हैं।

अंग्रेजी सामग्री का अनुवाद करते हुए अनुवाद को मूल के समीप रखने का पूरा प्रयत्न किया गया है। छापे की स्पष्ट भूलें सुधारने के बाद अनुवाद किया गया है और मूल में प्रयुक्त शब्दों के संक्षिप्त रूप यथासम्भव पूरे करके दिये गये हैं। जिन नामों के उच्चारण में संशय था उनको वैसा ही लिखा गया है जैसा गांधीजी ने अपने मूल लेखों में लिखा है।

मूल सामग्री के बीच चौकोर कोष्ठकों में दी गई सामग्री सम्पादकीय है। गांधीजी ने किसी लेख, भाषण आदिका जो अंश मूल रूपमें उद्धृत किया है वह हाशिया छोड़कर गहरी स्याहीमें छापा गया है। भाषणों और भेंटकी परोक्ष रिपोर्ट और वे अंश जो गांधीजी के नहीं हैं छोटे टाइपमें दिये गये हैं और उनमें जहां आवश्यक समझा गया है, कुछ परिवर्तन किया गया है और कहीं-कही कुछ छोड़ दिया गया है।

शीर्षक की लेखन तिथि जहाँ उपलब्ध है, वहाँ दायें कोने में ऊपर दे दी गई है; परन्तु जहाँ वह उपलब्ध नहीं है, वहाँ उसकी पूर्ति अनुमान से चौकोर कोष्ठकोंमें की गई है और आवश्यक होने पर उसका कारण स्पष्ट कर दिया है। शीर्षक के अन्तमें साधन-सूत्रके साथ दी गई तिथि प्रकाशन की है। लेख जहां उनकी लेखन-तिथि उपलब्ध है अथवा जहाँ किसी निश्चित आधारपर उसका अनुमान किया जा सका है, वहाँ लेखन तिथिके अनुसार और जहाँ ऐसा सम्भव नहीं हुआ है वहाँ उनकी प्रकाशन तिथिके अनुसार दिये गये हैं।

इस ग्रन्थ-माला के खण्ड--१ का सन्दर्म अगस्त १९५४ संस्करण का है। 'आत्मकथा'के सन्दर्भके लिए केवल भाग और अध्याय बताये गये हैं क्योंकि विभिन्न संस्करणों में पृष्ठ अलग-अलग हैं।

साधन-सूत्रों में एस० एन० संकेत साबरमती संग्रहालय, अहमदाबादमें उपलब्ध सामग्रीका, जी० एन० गांधी स्मारक निधि और संग्रहालय, नई दिल्ली में उपलब्ध कागज-पत्रोंका और सी० डब्ल्यू० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय (कलेक्टेड वर्क्स ऑफ महात्मा गांधी) द्वारा संग्रहीत पत्रोंका सूचक है।

सामग्री की पृष्ठभूमि का परिचय देने के लिए मूल से सम्बद्ध कुछ परिशिष्ट दिये गये हैं। अन्तमें साधन-सूत्रों की सूची और इस खण्डसे सम्बन्धित काल का तारीखवार जीवन-वृत्तान्त दिया गया है।