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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
लक्ष्मीनारायण मन्दिर, –के द्वार अछूतोंके लिए खोल दिये गये, ९७-८
लखनऊ कांफ्रेंस, –और बारडोलीकी सफलताने स्वराज्यका द्वार खोल दिया, २६२-६४
लल्लूभाई शामलदास, सर, १७८
लाजपतराय, ८, ३८, १५५
लिऑन, २५४
लूथर, ४३४
लेनिन, ३९८
लोकभाषा, देखिए क्षेत्रीय भाषाएँ
लोकलाज, –से न डरना, २९५

वकील, प्रो॰ सी॰ एन॰, ४७, २४८, ४१९ विल्सन, ३५५
वझे, एस॰ जी॰, ५६
वनस्पति घी, ३४५
वरदाचारी, २२३
वर्मा, पी॰ एन॰ एल॰, ४० पा॰ टि॰
वर्मा, विपिनबिहारी, ३८१
वर्ल्ड यूनिटी, ४१८
वसुमती पण्डित, देखिए पण्डित, वसुमती
वाइल्ड, रॉलेंड जे॰, ३५५
वाइसराय, देखिए इविन
वाडिया, पी॰ ए॰, २५८
वास्वानी, टी॰ एल॰, ३८१
विंटरटन, अलं, १०३
विजयराघवाचारी, सर टी॰, २०८
विदेशी, –चीजें और स्वदेशी चीजें, ४३३; –शोषण ही गरीबीका मुख्य कारण, २४९
विदेशी शासन, –की बुराइयाँ, २१-२३
विद्यापीठ, –में पंक्तिभेद नहीं, २६५-६६
विद्याबहन (विद्यागौरी), १९९

विद्यार्थी, –और देश-सेवा, ३५-६; –और शारीरिक दण्ड, ३९७; –[थियों] की शिक्षा स्वावलम्बी होनी चाहिए, ३१३-१४; –को भयका त्याग करना तथा स्वातन्त्र्य संग्राममें भाग लेना चाहिए, ४८-९; –को श्रमकी महत्ता समझनी चाहिए, ११५-१६; को स्वतन्त्रता, ४; –द्वारा बारडोली सत्याग्रहमें सहायता, ३५
विद्यावती, १४९, १७९
विद्यावतीदेवी, ६७, १०७, १५१, १६३, २२०, २३४
विनोबा भावे, देखिए भावे, विनोबा
विलियम्स, श्रीमती, ४१७
विवाह, २४०; –अन्य जातियोंमें करनेकी स्वीकृति, १६४; –और ब्रह्मचर्य, ३१८-२०, ३२७-२९; –बाल-विधवाओंका, ३६-७; –बाल-वृद्ध विवाहका बहिष्कार, ३६, ५९, १०५-६, १६४-६५, २१४-१६
विष्णु, २७९
वेंकटप्पैया, के०, ७०
वेद, –[दों]का अध्ययन यूरोपमें, ३९४-९५
वेयर्स, १८ पा॰ टि॰
वेलर, चार्ल्स फ्रेड्रिक, १५८
वैद्य, गंगाबहन, १२२, १५१
वैलेस, २६१
व्याघ्रचर्म, –का प्रयोग अहिंसाके विरुद्ध, ६०-१, ८५ पा॰ टि॰
व्यापारी, –[रियों]से देश-सेवाका आग्रह, ४१४-१५
व्यास, महर्षि, २६२
व्यास, रविशंकर, २९९