भर्त्सना और तीखी निन्दा करनेके सामर्थ्यसे लगाने लगेंगे तो यह उनकी भारी भूल होगी। सर मंचरजी सरीखे व्यक्तियोंकी अधिक नरम सम्मितियोंका प्रभाव उत्तेजनशील परिवर्तनवादी लोगोंकी तीव्र अत्युक्तियोंसे कहीं अधिक होता है। भारतको पूर्ण न्यायकी प्राप्ति केवल शांति- युक्त तर्कजनित समाधानसे हो सकेगी; और इस कारण सर मंचरजी अपने देशवासियोंकी कृतघ्नताके भाजन होनेके तमाम लोगोंमें सबसे कम अधिकारी हैं।
१११. बहिष्कार
भारतसे हालमें आये हुए समुद्री तारों और अखवारोंसे स्पष्ट है कि बंगालका बहिष्कार आन्दोलन यों ही अगौरवास्पद ढंगसे बैठ नहीं जायेगा। यद्यपि अंग्रेजी मालके बहिष्कारके पीछे बहुत-कुछ जोर-जबर्दस्ती दिखाई देती है तथापि आन्दोलन इतना व्यापक है कि उससे पता चलता है कि वह जनताकी तीन भावनाका परिणाम है। बंग-भंगके विरुद्ध वर्तमान आन्दो- लनका परिणाम चाहे जो हो, बहिष्कारका प्रभाव भारतके लिए हितकर ही होगा। इससे देशी उद्योगोंको आश्चर्यजनक प्रोत्साहन मिला है। हमारा विश्वास है कि ये उद्योग निरन्तर बढ़ते ही जायेंगे। यह परिणाम अप्रत्याशित है, परन्तु इसकी वांछनीयता तनिक भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। भारतकी महती आवश्यकता यही है कि राष्ट्रीय विशेषताओंको आश्रय दिया जाये और सुधारा जाये। यदि केवल भारतीय वस्तुओंके प्रयोगका संकल्प यथासम्भव स्थिर रखा जाये तो राष्ट्रीय भावनाके विकासमें इसकी सहायता कुछ कम नहीं होगी।
११२. डॉक्टर बरनाडों
गत मास डॉक्टर बरना?के देहान्तकी खबर दुनिया-भरमें तारोंसे भेजी गई। ये डॉक्टर कौन थे, यह जाननेकी उत्सुकता हमारे पाठकोंको अवश्य ही होगी। हम ऐसा समझकर उन भले डॉक्टरका जीवन वृत्तान्त इस अंकमें दे रहे हैं।
डॉक्टर बरना? अनाथोंके नाथ या पिता माने जाते थे। वे अपने जीवनके प्रारम्भ-कालमें विना माँ-बापके बच्चोंको देखकर बहुत निराश होते थे। परन्तु उनके पास कुछ भी साधन नहीं था। वे स्वयं गरीब आदमी थे। फिर भी उनके मनमें यह विचार आया कि अनाथ बच्चोंका पालन-पोषण करके उसीमें से अपना गुजर-बसर भी किया जाये।
"ऐरनकी चोरी करे, करे सुईको दान", इस कहावतके अनुसार हमारी इच्छा यह रहती है कि पहले बहुत-सा पैसा कमा लें और बादमें उसका अच्छा उपयोग करें। किन्तु ऐसा करते- करते बहुतोंका पूरा जीवन ही निकल जाता है। कुछ लोग जब पैसे कमा लेते हैं तब अपने मनमें किया हुआ संकल्प भूल जाते हैं। दूसरे कुछ लोग पैसा कमा लेनेपर उन पैसोंका अच्छा उपयोग क्या करें, यह नहीं समझ पाते और फिर उसे तरह तरहके कामोंमें बरबाद करके