काम लेना असम्भव हो तो काम शुरू करनेके पहले मुझे तार कर देना। एक बार वचन देनेपर उन्हें पूरा करना मैं बहुत ही जरूरी मानता हूँ ।
मोहनदासके आशीर्वाद
मारफत 'इंडियन ओपिनियन'
मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस° एन° ४३१५) से।
२३२. पत्र : छगनलाल गांधीको
जोहानिसबर्ग
मार्च, ५, १९०६
श्री गुल लिखते हैं कि वे केप टाउनके ग्राहकों और विज्ञापनदाताओंकी सूचीका इन्तजार कर रहे हैं। आशा करता हूँ कि यदि अबतक न भेजी गई हो तो तुम उसे तत्काल रवाना कर दोगे।
दादा उस्मान तुमसे इंग्लैंड, भारत और दक्षिण आफ्रिकाके प्रमुख समाचारपत्रोंके नाम माँगेंगे। तुम हेमचन्दसे कह सकते हो, हम जिन पत्रोंको 'इंडियन ओपिनियन' भेजते हैं उनकी सूची बना दे। श्री दादा उस्मानको वह सूची दे देना।
छपाईका फुटकर काम लेते वक्त इस बातका बहुत ख़्याल रखना है कि नकद पैसा मिले बिना अजनबियोंके ऑर्डर स्वीकार न किये जायें। इनकार करनेमें हिचकनेकी जरूरत नहीं है। उधारखाता काम सिर्फ ऐसे आसूदा और नियमित ग्राहकोंका ही लिया जाये जो पत्रके मददगार भी हों। इस मामले में दुविधाका काम नहीं है।
देखता हूँ, श्री उमरका डेलागोआ बेके बारेमें लिखा गया लेख प्रकाशित नहीं हुआ। वह इस हफ्ते प्रकाशित होगा, ऐसा मानकर चलता हूँ। कल उनका लिखा हुआ दूसरा लेख भी मैंने भेजा था। वह अगले हफ्तेके लिए सुरक्षित रखा जाये, यह तो साफ ही है।
अब्दुल कादिरवाली बैठकके[१] विवरणकी सूचना तुमने घोषित नहीं की और इस हफ्तेके अंक में भाषणका[१] अनुवाद दिया जायेगा। भरोसा है कि तुम यह कर रहे हो।
मोहनदासके आशीर्वाद
मारफत 'इंडियन ओपिनियन'
मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस° एन° ४३१६ ) से।