नेटाल सरकारको इस तरहका कर लगानेका कोई अधिकार नहीं है। नेटालवालोंके स्वार्थके लिए इस कानूनको अमली रूप दिया गया है। इसलिए अगर इसका बोझ किसीपर डालना है, तो गोरोंपर डालना चाहिए। अगर कोई भारतीय थोड़े समयके लिए नेटाल आता है, तो नेटाल सरकारका फर्ज है कि उसकी मदद करे, न कि उसे दण्ड दे।
इंडियन ओपिनियन १०-३-१९०६
२४७. जोहानिसबर्ग की चिट्ठी
मार्च १०, १९०६
ट्रामका परीक्षात्मक मुकदमा
ट्रामके परीक्षात्मक मुकदमेकी सुनवाई पिछले बुधवारको मजिस्ट्रेट श्री कारकी अदालत में हुई। वादी श्री कुवाडियाकी ओरसे श्री गांधी वकील थे और प्रतिवादीकी ओरसे नगर परिषदके वकील श्री हाइल हाजिर थे। मुकदमा धर्मके वकील [सरकारी वकील] श्री ब्लेनके हाथमें था। उन्होंने काले-गोरेका भेद न रखते हुए मुकदमेकी पैरवी अच्छी तरह की। श्री कुवाडियाने अपने बयानमें बताया कि प्रतिवादीने उन्हें ट्राममें बैठनेसे रोका और कहा कि काले लोगोंकी ट्राममें बैठना। इस कारण यह मुकदमा चलाना पड़ा है। नगर परिषदके वकीलने इस तथ्यको कबूल कर लिया, इसलिए श्री मैकिनटायरके बयान लेनेकी जरूरत नहीं रही। प्रतिवादीने बयान देते हुए कहा कि उसे नगर परिषदका हुक्म है कि भारतीय अथवा दूसरे काले आदमीको, अगर वह किसी गोरेका नौकर न हो, अथवा नौकर होनेपर भी अपने मालिकके साथ न हो, तो उसे ट्राममें न बैठने दिया जाये। इसलिए उसने मना किया था। इसके बाद श्री ब्लेनने अदालतसे निवेदन किया कि जोहानिसबर्गके ट्राम प्रणालीके उपनियमोंके अनुसार भारतीयोंको किसी भी ट्राममें बैठनेका हक है, इसलिए प्रतिवादीने अपराध किया है।
श्री हाइलने अपने निवेदनमें स्वीकार किया कि ट्राम प्रणालीके उपनियमों में भारतीयोंको बैठनेकी मनाही नहीं है। पर बोअरोंके समयकी सफाई समितिका कानून है, जिसके अनुसार किसी भी काले आदमीके लिए ट्राम या मोटर या बग्घी या जो भी सवारी खास कर गोरोंके लिए हो, उसमें बैठना गुनाह है। वह कानून अभीतक रद नहीं हुआ है। इसलिए उसके आधारपर भारतीयोंको ट्राममें बैठनेसे रोका जा सकता है। जवाबमें श्री ब्लेनने कहा कि वह कानून अब लागू नहीं हो सकता और परिषदने जो उपनियम स्वीकार किये हैं, उनके अनुसार भारतीयोंको हक है। श्री कारने इस मामलेका फैसला सोमवार तक मुल्तवी रखा है। अगर सोमवारको परिणामका पता चला, तो मैं सूचना दूंगा।
बादमें खबर मिली है कि हम ट्रामवाले मामलेमें जीत गये हैं, और नगरपालिकाने अपील की है।
ट्रान्सवालके लिए उत्तरदायी शासन
जोहानिसबर्ग में उत्तरदायी शासन सम्बन्धी हलचल अभी चल रही है। बोअर लोगोंकी समिति और उत्तरदायी दल (रिस्पॉन्सिबल पार्टी) तथा प्रगतिशील दल (प्रोग्रेसिव पार्टी) के मुखिया सर जॉर्ज फेरारके घरपर मिले थे। इसमें उनका इरादा यह था कि तीनों पक्षोंके