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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 5.pdf/३१०

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२८४. गिरमिटिया कर

पिछले सप्ताह हमने 'टाइम्स ऑफ नेटाल' से एक ऐसे अभियोगकी रिपोर्ट उद्धृत की थीं, जो तीन पौंडी वार्षिक कर वसूल करनेके लिए उपनिवेशके प्रवासी कानूनके अन्तर्गत चलाया गया था। हमें 'नेटाल विटनेस' को पढ़नेसे पता चलता है कि अभियोग खुद उसपर ही नहीं था, बल्कि उसकी पत्नीपर भी था। कानूनमें कर वसूल करनेके लिए केवल एक विधि दी गई है : "परवानेकी रकम प्राप्त करनेके लिए नियुक्त किसी भी अफसर या क्लार्क ऑफ पीस द्वारा सरसरी कार्रवाई। मालूम होता है कि इस कार्रवाईके दरमियान अदालतकी आज्ञासे मुकदमा चलानेवाले सार्जेंटने भारतीय स्त्रीके निजी गहने जमानतके तौरपर ले लिए हैं। उसको करकी अदायगीके लिए तीन महीनेकी मुहलत दी गई है। अगर इस मियादके अन्दर कर न चुकाया गया तो उसके जेवर बेच डाले जायेंगे। न्यायाधीश और मुकदमा चलाने-वाला सार्जेंट दोनों लिहाज करनेवाले व्यक्ति थे, फिर भी इस अभियोगसे यह बात स्पष्टतः प्रकट गई है कि गिरमिटिया मजदूर जब मुक्त हो जाते हैं तो उनको इस करके लग जानेसे कितनी गम्भीर कठिनाईका सामना करना पड़ता है। जबतक गरीब स्त्रीके पास कुछ भी गहना या निजी सामान है, तबतक उसे कर देना ही पड़ेगा — फिर चाहे वह कुछ कमा रही हो या न कमा रही हो, या अन्यथा दे सकती हो या न दे सकती हो। नेटालमें पाँच वर्ष सेवा करनेके बाद गिरमिटिया मजदूरोंको यह इनाम दिया जाता है!

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ७-४-१९०६
 

२८५. नेटालमें राजनीतिक उपद्रव

पिछले सप्ताह नेटालमें जबरदस्त घटनाएँ घटी हैं। उनका प्रभाव बरसों तक मिटनेवाला नहीं है। परिणामस्वरूप, नेटालका दिमाग चढ़ गया है। स्वराज्यकी जीत हुई है। लेकिन अंग्रेजी राज्यको धक्का लगा है।

नेटालमें व्यक्ति करके कारण काफिरोंने विद्रोह किया। सार्जेंट हंट और आर्मस्ट्रांग[] इस विद्रोहमें मारे गये। नेटालमें फौजी कानूनकी घोषणा हुई और वतनियोंके साथ सख्ती होने लगी। फौजी कानूनके अनुसार कुछ वर्तनियोंकी जाँच-पड़ताल हुई और उनमें से १२ को तोपसे उड़ा देनेकी सजा दी गई। आसपासके वतनियों और उनके राजाको अपने लोगोंको तोपसे उड़ते हुए देखनेके लिए बुलाया गया। यह काम २९ मार्चको होनेवाला था।

इस बीच विलायतसे लॉर्ड एलगिनने नेटालके गवर्नरको तार किया कि फिलहाल वतनियोंको तोपसे उड़ाना मुल्तवी रखा जाये। नेटालके राज्यकर्त्ताओंको यह बात अच्छी नहीं लगी। उन्होंने गवर्नरको अपने त्यागपत्र सौंप दिये। गवर्नरने उनसे कहा कि जबतक लॉर्ड एलगिनका दूसरा जवाब न आये, तबतक वे ठहरें। उन्होंने यह बात मान ली।

 
  1. नेटाल्के पुलिस सब-इन्सपेक्टर ईंट और टूपर आर्मस्ट्रॉंग।