पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/२४८

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२३२. पत्र : जी॰ डब्ल्यू॰ एम॰ ग्रिगको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २१, १९०६

प्रिय महोदय,

श्री मॉरिसनने आपको जो कागजात दिये थे उनके साथ आपके २० तारीखके पत्रके लिए मैं आभारी हूँ। श्री अली और मैं आशा करते हैं कि आप इस प्रश्नमें, जो मेरी समझ में साम्राज्यीय महत्त्वका है, दिलचस्पी लेते रहेंगे।

आपका विश्वस्त,

श्री जी॰ डब्ल्यू॰ एम॰ ग्रिग
आउटलुक
१६७, स्ट्रैंड, डब्ल्यू॰ सी॰

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ४६२१) से।

२३३. पत्र : एफ॰ एच॰ ब्राउनको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २१, १९०६

प्रिय श्री ब्राउन,

सर लेपेलने जिक्र किया था कि 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की ओरसे आप शिष्टमण्डल में शामिल होना पसन्द करेंगे। श्री मॉर्लेने एक सन्देशा भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे शिष्टमण्डलको खानगी रखना चाहेंगे। मैं नहीं जानता कि आपको ऐसी हालत में वहाँ उपस्थित रहना चाहिए या नहीं। मेरा सुझाव है कि आप कल भारत कार्यालयमें चले जायें और देखें कि श्री मॉर्लेकी हिदायतों के बारेमें सर लेपेलकी क्या राय है। जब मैं सर लेपेलसे मिला था, तबतक हिदायतें पहुँची नहीं थीं।

यह पत्र लिखाते-लिखाते आपका पोस्टकार्ड मिला। श्री मॉर्लेने १२-२० बजेका समय दिया है। आपके शेष प्रश्नोंका उत्तर ऊपर आ ही चुका है।

आपका सच्चा,

श्री एफ॰ एच॰ ब्राउन
"दिलकुश"
वेस्टबोर्न रोड
फॉरेस्ट हिल, ई॰ सी॰

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस॰ एन॰ ४६२२) से