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२५०. पत्र : लॉर्ड रेको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २४, १९०६

महानुभाव,

कल आपने श्री अलीको और मुझे जो बहुत ही सहानुभूतिपूर्ण भेंट दी, उसके लिए हम आपके अत्यन्त आभारी हैं।

मैं इसके साथ दक्षिण आफ्रिकी ब्रिटिश भारतीय समितिके संविधानके मसविदेकी प्रति भेज रहा हूँ। मसविदेमें जिनके नाम दिये गये हैं उन्होंने समितिमें सम्मिलित होना स्वीकार कर लिया है। आपने कल जिन महानुभावका नाम लिया था हम उनसे भी निवेदन कर रहे हैं।

यदि आप समितिकी अध्यक्षता स्वीकार कर सकें, तो दक्षिण आफ्रिकाका भारतीय समाज आपका बहुत आभारी होगा।

संविधानका मसविदा छपवाया जा रहा है और जो सदस्य बन चुके हैं उनकी स्वीकृति लिए वह उनके पास भेजा जायेगा। इसलिए क्या आप कृपापूर्वक मुझे यह सूचित करेंगे कि हम आपका नाम समितिके अध्यक्षके स्थानपर रख सकते हैं या नहीं?

आपने कृतज्ञता ज्ञापन के लिए आयोजित जिस जलपानमें कृपापूर्वक आनेकी सम्मति दे दी है, वह अगले गुरुवारको होटल सेसिलमें सबेरे १०-३० पर होगा।

जलपानके शीघ्र बाद ही समितिके सदस्योंकी एक छोटी-सी बैठक होगी जिसमें सुझावोंका पारस्परिक आदान-प्रदान होगा और समितिका उद्घाटन किया जायेगा।

आपका आज्ञाकारी सेवक,

सेवामें
परममाननीय लॉर्ड रे
६, ग्रेट स्टैनहोप स्ट्रीट
पार्क लेन, डब्ल्यू॰

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस॰ एन॰ ४६३८) से।