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सांकेतिका
२६८; के निजी सचिवको पत्रका मसविदा, ३२;

-के निजी सचिवसे नेटाल तथा ट्रान्सवालके सम्बन्ध में बातचीत, १९५; के निर्णयकी लॉर्ड सेल्बोर्न द्वारा कटु आलोचना, ३५८; -के निर्णयपर सवाल, १६३; - को अखिल इस्लाम संघका निवेदनपत्र, १८१, १९४; -को आवेदनपत्र, ४९-५७, २२२; -को तार, १६२, १७६, १८०, २१२, ४०६; -को निवेदनपत्र, ४७; -को पत्र, ९७-९८; -को प्रतिनिधियोंका विस्तृत उत्तर, २४५; -को प्रार्थनापत्र, २१७-१९; -को मिलने वाली खबरें गलत, १४९; -को शिष्टमण्डलकी चेतावनी, ४७२; को सख्त पत्र, ३८९, ३९०, ४५४; -को लॉर्ड सेल्बोर्नका खरीता, ३८२, को विद्यार्थियोंकी अर्जी, १५०; -द्वारा एशियाई अध्यादेश रद, २७५; द्वारा एशियाई अध्यादेशके सम्बन्धमें सारा इतिहास प्रकाशित, ३५८; द्वारा ट्रान्सवाल कानूनपर रोक, २७८; - द्वारा नया कानून मंजूर करनेकी अफवाह, ४४२; -द्वारा नेटालके सम्बन्ध में लिखित मसविदेकी माँग, २७५ -द्वारा भारतीयों के गलेमें सुनहरा ढोरा, ४७१; द्वारा लिखा-पढ़ी ३६७; -द्वारा शिष्टमण्डलकको मेंट के लिए समय प्रदान, ४६; -द्वारा शिष्टमण्डलसे भेंटके लिए समय निश्चित, ६७, ७२; - द्वारा सरकारी विरोध होनेपर भी न्याय, ३८३; -में न्यायवृत्तिसे भय अधिक, ४८२; - से भारतीय शिष्टमण्डलकी मुलाकात, ९१, १४७-४८, २०७; -से भेंटकी तैयारी, ७३; से भेंट होने की सम्भावना,

३४; -से शिष्टमण्डलकी भेंटका समय, ४३

एलिफेंट ऐंड कैसिल, ५९

एशिया क्वार्टरली रिव्यू, ३० पा॰ दि॰

एशियाई, -और सोमाली, ३४५; -को अनुमतिपत्र मिलना

सम्भव, ३६९; -शब्दका अर्थ, २०२; - शब्दके अन्तर्गत १८८५ के कानून ३ के अनुसार आनेवाले लोग, १०३; एशियाइयों, का टान्सवालमें बड़े पैमानेपर आगमन, ६; - की सुरक्षासे गौरवपूर्ण तरीका, ५१५; -के अनुसार निर्वाध प्रवेशके विरुद्ध गोरोंकी संरक्षणकी माँग, ४६३ एशियाई कानून-संशोधन अध्यादेश, २, ४, ७, ४२, ४९, ६३, ६५-६६, ८४, ९८, १०८, १२५, १४०, १४२, १५७, १६४, १६९, १७७, १८० पा० दि०, १८३, १८८-९०, २०४, २११, २१३, २२१, २५५, २९४, ३०५, ३१५, ३५४, ३८७, ३९५, ४२५, ४३३, ४३८, ४६४, ४८०, ५१७; - एक दण्डात्मक कानून, ५७; -घोर वर्गभेदकारी नया कानून, ११४; -ट्रान्सवाल विधानपरिषद द्वारा स्वीकृत, ६; -फिरसे

नई संसद में प्रस्तुत करनेका सुझाव, ३२५; - फ्राइहीडमें

बरकरार, ६५; -ब्रिटिश परम्पराओंके विरुद्ध, ९३;

- भारतीय समाजके लिए अपमानजनक, ३९८; - लॉर्ड एलगिन द्वारा रद, २७५; -संसदकी दो बैठकोंमें पास, ३९६; - और १८८५ का कानून ३, ५३-५५; -जैसे उपायोंसे एशियाई समस्या हल होना असम्भव, ४७०; -का विरोध करनेके कारण, ४००-१; का सभा द्वारा विरोध, ४१८; - का सारांश, १०२-४; की विषय-वस्तु, ९-१०; के अन्तर्गत सभी भारतीय अपराधी, ११७; -के कारण, ५६; -के कारण आनेवाली मुसीबतें असह्य, १२७-२८; के कारण भारतीयोंका अनावश्यक अपमान, ११३; के खिलाफ आवाज उठानेका कारण, २६७; - के नये विनियम अत्यन्त कष्टकर, १२२; -के परिणाम, विवनकी दृष्टिमें, २९३; -के बारेमें लॉर्ड एलगिनको लॉर्ड सेल्बोर्नका खरीता, ३८२; के बारेमें शिष्टमण्डल, १७; के रद हो जानेसे दक्षिण आफ्रिकी गोरोंपर बहुत प्रभाव, २८९; - के सम्बन्ध में भारतीयोंकी विराट सभा, ४११; के सम्बन्धमें सारा इतिहास लॉर्ड एलगिन द्वारा प्रकाशित, ३५८; -के स्थगित हो जानेपर भी एशियाई विभाग द्वारा कार्यवाही, ३७४; पर आपत्तिके कारण, २३२; - पर केप आरगस, २८९; - पर दाउद मुहम्मद, ४७७; -पर मूल आपत्ति, २३२; - पर सर रिचर्ड सॉलोमन,

३२८
एशियाई कानून-संशोधन विधेयक, ४०४; -के अन्तर्गत

अनुमतिपत्रके लिए प्रार्थनापत्र न देनेकी भारतीयोंको सलाह, ४८८;- के बारेमें तार भेजनेसे उपनिवेश सचिव द्वारा इनकार, ४३४; के विरुद्ध भारतीयों द्वारा प्रस्ताव पास, ४२४; के सम्बन्ध में चीनियोंकी अर्जी, ४५३; के सम्बन्धमें भारतीय समाज द्वारा सूचना, ४४०; - को ट्रान्सवाल संसदमें पेश करते समय भाषण,

४०४-५
एशियाई कार्यालय, १५८, ४३२; -के अधिकारी रिश्वत- खोर, ४१४

एशियाई नीली पुस्तिका, ३५८, ३८४

एशियाई पंजीयक, ४२६; -का प्रतिवेदन प्रकाशित, ४२४; -को तार, ३७०, ३७१-७२; - को पत्र, ३७१
एशियाई पंजीयन अधिनियम, ३८७ पा० टि०, ४६५-६६, ४८७, ५१५ पा० टि०, ५१६
एशियाई प्रवासियों के बारेमें कानून बनानेमें दक्षिण आफ्रिकी लोगोंको खुली छूट, ५०७

एशियाई बहिष्करण विधेयक, २२२

एशियाई बाजार, ४५८; - का कानून ३८०

एशियाई बालक, का मुकदमा, ११४-११५, १२६. ३५२, ३५७