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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
अध्यादेशके अन्तर्गत दी गई राहत, १२५; - द्वारा

ट्रान्सवालमें अध्यादेशका विरोध, ५; - द्वारा बहुत-से अन्य यूरोपीयोंके समान ही बाड़ोंपर कब्जा, २५५; -द्वारा वतनी-विद्रोहमें नागरिकोंके नाते कर्तव्यका पालन, ६५; -पर चलाये गये फोक्सरस्टके मुकदमे, १२६;-पर चेम्बरलेन द्वारा पावन्दी न लगानेकी राय, २९२; - पर दक्षिण आफ्रिकामें राजनीतिक अधिकारोंकी आकांक्षाका आरोप, ४६३; -पर विक्रेता परवाना अधिनियम के अन्तर्गत साढ़े बारह पौंडका नया कर, अँगुलियों के निशानकी माँग, ३७४;

-से सम्बन्धित शान्ति-रक्षा अध्यादेश, १८८
ब्रिटिश भारतीय प्रश्न, २६४; पर प्रकाशित नीली पुस्तिका, ३७५
ब्रिटिश भारतीय व्यापारी, -कुल मिलाकर ईमानदार, ११२;

गोरे दूकानदारोंके मुकाबले में अधिक कुशल २२५; -यूरोपीय थोक-पेढ़ियोंपर निर्भर, ५६, और मर्क्युरी, ३१४, ३६६-६७; ब्रिटिश भारतीय व्यापारियों की परवानेकी अर्जियाँ परवाना अधिकारी द्वारा खारिज, २९९; -को परवाना न देनेका गोरों द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत, ३१०; -को परवाने देनेके सम्बन्ध में नेटालका कानून अधिक कड़ा, ६५; - पर जल्दी दूकान बन्द करनेके लिए पुलिसका दबाव,

५०९; पर नेटालमें मुसीबत, ३४३
ब्रिटिश भारतीय संघ, ७, ४५, ४९-५०, १२४, १४३;

ब्रिटिश समिति, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकी, १८९-९०, १५५, १७६, १८२-८३, १८७, १८९, २०८-९, २७६, २७८ पा॰ टि॰, ३३८-३९, ३४४, ३४६, ३५२-५३, ३६२, ३७१, ३७५, ३७७, ३८०, ४०८, ४११, ४२०, ४३४, ४६३, ४६६, ५०१, ५०८, ५११; - और भारतीय विरोधी कानून निधि समितिकी , ४०३-४; - का निवेदन ४०६; का विरोध, ५१; - की कोशिशसे रिश्वतखोर अधिकारी गिरफ्तार, ब्रिटिश साम्राज्य में अल्पसंख्यकों के मुकाबले बहुसंख्यक कम दर्जेके, २२६

४१४; -क बैठक, ५०४; की शाखा समितिको जोरदार शब्दोंमें गश्ती पत्र, ३७२; -की समितिके कुछ प्रस्ताव, ४१८; की सूचना, ४९७; के तत्वावधान में भारतीयोंकी सभा, २९८; -फो लॉर्ड एलगिनका तार, ११७, -को बधाई, ३७४; द्वार किये गये स्वेच्छया पंजीयन करानेके निवेदनसे कानूनका अनुमतिपत्र सम्बन्धी उद्देश्य सिद्ध, ४८२; -द्वारा मनोनीत शिष्टमण्डल, १७; -द्वारा शिष्टमण्डल

नियुक्त, ६; -द्वारा हर स्थानको पत्र, ३७९; - में

दिलचस्पी रखनेवालोंकी बैठक बुलानेका सुझाव, ८१

ब्रिटिश भारतीय समाज, ५, १९५,

३३३, ४०३; - अनुचित आव्रजन अथवा अनुचित व्यापारिक स्पर्धाकी बातको न्यायपूर्ण ढंगसे सुलझाने को तैयार, ६६ -ट्रान्सवालका व्यापार छीननेको अनिच्छुक, ५०३; -नेटाल भारतीय कांग्रेसकी सलाह लिये बिना कोई कदम न उठाये, ५०७; - ब्रिटिश राज्यकी रक्षा के लिए सदा तैयार, ४४३; -का पंजीवन, ३८५, का मामला सच्चा, २७५; - का समिति बनानेका निश्चय, १७४; -फी अधिनियम सम्बन्धी शिकायतें, ३८२; - की आदमजी मियाँखाँ द्वारा की गई सेवाएँ, ३३४; -की ओरसे अधिकारों व सुविधाओंकी कोई माँग नहीं, ३७५; - के प्रति चैमनेका तिरस्कार, ४२८-२९; के लिए जीवन-मरणका प्रश्न, २१३; - के विभिन्न अंगोंको आपस में लड़ते-झगड़ते देखनेको कुछ ' भले मानस लालायित, ३०७; के सामने ट्रान्सवालमें अपनी प्रतिष्ठाका प्रश्न, ५०६; - के सोचने योग्य लॉर्ड सेल्बोर्नका लेख, ३५८; -को अनुमतिपत्र - कार्यालय से सम्बन्ध रखना नुकसानदेह, ४९७; -को निर्वाचनका अधिकार नहीं, ४२१; -को बहादुरी दिखानेका अवसर, ३९३; - को राहत देने के बारेमें भारत सरकार की ओरसे आग्रह, ३५६; -द्वारा अमगेनीका चालित मदरसा, २८३; -द्वारा आरोपको खण्डन, १२७ -द्वारा जेलके निर्णयका पालन करना असम्भव, ४५४; द्वारा श्री झवेरीको दिया गया मानपत्र, ४७८; -द्वार। बहुत बड़ी संख्याको ट्रान्सवालमें लानेका प्रयत्न, ११७; -पर ट्रान्सवालमें अनधिकृत भारतीयोंकी बादको बढ़ावा देनेका आरोप, ८; -पर ट्रान्सवालमें एशियाइयों को भर देनेका आरोप, २३१; पर लगाये गये आरोपोंकी जाँचके लिए आयोग, २४५; में बालक और प्रौद

दोनोंका अभी शिक्षा लेना बाकी, ३०६

ब्रिटिश म्यूज़ियम, १७९

ब्रिटिश लोकसभा भवन में सभा, ३३

ब्रिटिश शासन, -का शान्ति-रक्षा अध्यादेश, २१२; - के अन्तर्गत भारतीयोंकी दशा, ५०

बैठक, ३८१, ४०५; -और भारतीय शिष्टमण्डल, २१९; -धन्यवादका पात्र, ४१०; -भारतीयों की

ओरसे शाही मध्यस्थता का प्रार्थी, ४२४; -का कर्तव्य, ३८३; -का जवाब, ४४०; -का ट्रान्सवाल संसदको

तार ब्रिटिश सरकार द्वारा अध्यादेश नामंजूर, २९६; -में. इच्छा शक्ति या बलका अभाव, २२८

ब्रिटेन, -का परदेशी अधिनियम (एलियन्स ऐक्ट), ११९;

-के उष्णकटिबन्ध-स्थित प्रदेशों में भारतीयोंको बसानेका

श्री कर्टिसका प्रस्ताव, ४६८