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पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१७२

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स्या २] भारत-माता। पर रो। भी मी पुष समय तक सरकार सोमे किसनी ही मरी पो परे, भारतीय मसारमा मिस रण-पोपर का प्रसपम देती है.जि, इसी पीच में करते पाते इंग्ससे अधिक काम नहीं कर सकते । भव- माम योगना पता वर्मा ( Berna) नामक एप में प्रमी इस मम्मट में महीं फंसना पड़ा। किन्तु में पर नियम किमो ममुप्प... मे कम पर नहीं पाया सस्तार किपा प्रम पहा कमी ग्रीगा पाम पाने पर पदि बराबर पर निषित मतात व पण कमी कभीररिगोचर होमावे।

यह एक रन ( Insurance Burenu) में

ईश्वरदास मारवासी करते रहो मर पनको काम न मिलेगा तबससी की वरफ से ग्न भरण-पोपपा मण्य मिता भारत-माता। जा । मानसा मनेसन पिए काम सोर देगा मममि ! हम सीन मा में है मपम मस्तान ? सम्प देना बरा झापगा। इस पर सरकार हमें पता नहीं तेरा वनिक मी पान । माप देती है और कामाने में माविक तपा और माग रहरमा सदा तेरा रचित सम्माम । देते । हमें तुमसे मिज सम्मका मी ज्ञान 10 किम्त इतना होने पर मी देकर दोने मो मूब मोगते तेरीका से हम पिरिष सुग्न-भोग 1. प र नहीं होते। पर होने के कारण है। कि तेरे कार्य में देते महीं कुप योग। 'तो व्या-राब का भमार और दूसरा म्पप्तन और परमातम विचारते दम बोग, गापोरी)। साप सुख-मोग बन बता मपार रोग ॥२॥ मितने मनुष्य कार रोते नौ प्रपिकांग गगन रोहमारा एप कैसे और मार यो कुन भाभिराम सामते (ग्नमे प्रापा काम म उसमें मेरी भक्ति का सहार। । माता । पतएप सीमर में माता-पिता अपने माप्त हो से हम गुण गौर्य भारि मपार , को शिपा ने लिए पाप्प । मामि को अपने रेगिरी भक्ति मकी मी सतत मापार ॥ नस्य मयूरी कोमा शब सिखाने के लिए भी मनु रही मावा 1 मारा तू मनुब म्पकार , । यि बाम। सतत प्रायों से अधिक रती में प्यार । यासोरी दूर करने के लिए परेशक मिपत किये शाते हिमा दम देते रमेशा स तुमे पहार, बोपदेश माप मापयोगी होताना पकाना मी गचितही जो हमें रस्ता सम्म संसार u आते हैं। विधानों का मत है कि पाकविधि प्रग्वी साह माननिय सीपन बगेोबनमि तुम पर , बमे से भयानोरी की भारत बहुत कम होती है। तू अनेक पापियों की नी मागर । इन ग्पा २ पवम्बन से स्वीमरमर पानीको कर रहे तो भी महम रा रचित पचार । इतबाम मा । पपिगट स्वीमसेनी हमें पिकार, बारम्पार पिर पर स्तृत रेरा और प सारे मिपम रंग में पापम क्या मना पाय मोरे प्राथ! किये जा सस्ते, पापि प्रोफेसर प्र तीक सह रही चिरकार मे तू कठिन विपदा-बाय। . परमसे पपुव पाम रख सकता है। बाप मामी विपद से होता मरा भाय। । सामान की बात, मारतवर्ष में मादरों को काम किस तरह पितो हमारा पनि माय ! माले सम्पर प्रभी नहीं उसनमा । पापी बात हामरे पूर्व गाव कामभवदेश कि भारत में प्रसरंग पर म्यापार करना भभी हो रही पील, हीन, मशीन मत विशेष। की प्रारम्म किया है। दूसरे पहरेमाबारेमस्प . निरप करकेमा एमाही समेत पपूत समई काम नहीं कर सकता। चाहे कोई अस्लिम शरीर पेरागपाषा