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पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१७६

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स्या २] ____ भारतीय शासन प्रणली। - माग । इममें से दो एक ही समास के अधीन इस पद पर पहला सभासद् इंगलिस्तान का प्रसिद इसलिए (साधारण) अधिकारी समासयों की इतिहासयेचा लाई मेकाले (Lord Inculay) था। हर महकमे में इस समासद् की ज़रूरत पड़ती है। भारतीय गवर्नमेंट एक प्रकार से मध्यस्थ के इसलिप कौन्सिल में सितनी समितियाँ ( Select शहै। उसका कर्तव्य है कि यह विलायत से Committees) होती है समका यही सभापति हावा पापाय प्रथया जो कायक्रम लर्दिए उनकी है। एक प्रकार से यह गवर्नमेंट का कानूनी सलाह- ना प्रान्तिक सरकार को दे और प्रत्येक भान्त कार है। दृष्टि ससे कि कार्य मले प्रकार चलता है शिक्षा विभाग के सभासद् पार सेक्रेटरी इत्यादि महों। के अतिरिफ अप एक नया पद शिक्षा कमिमर जिन पिमापो का ऊपर उल्लेख हुआ उनमें (Enctionml Commirpioner) का हुमा है। सम्म से समयानुसार परिवर्तन होता थला पाया इस विभाग के अधीन स्कूल, कालेज पर अस्पताल 'कम्पमी के समय में इतने दिमाग मथे। सपकानून तो है ही, (जिनका बल्लेख प्रागे होगा), परन्तु ने पाले समास (Lar Member) की नियुकि पादरियों का प्रयाध भी यही विभाग करता है। थी सम उसको सम्मति देने का अधिकार न था। इस धर्म-सम्बन्धी दिमाग को मैंगरेजी में Ecclesir हाई लहासी के समय से साधारण सभासदों utical Department कहते हैं। इसके अधीन उसकी गवना होने लगी। इस प्रकार तीन से कलकत्ता, मदरास पर वाई के मपाम पावरी र सभासद हुए । लाई रलहौसी ही के समय (पिशप) ६, मिनका फष्य घर्च प्राफ़ इंगळे प्रत्येक समास के कार्य पर अधिकार पटि (Church of England) के पादरियों की मांच- ।। १९०५ में व्यापारी पार पायोगिक विभाग पढ़वाल पार उनका सुप्रपन्ध है। फटकत्ते के यिशप ला गया और १९१० में शिक्षा-यिमाग । इसके भारतीय यिशो के सरदार (Metropolitan) हले जिस महकमे के अधीन मेलखाना, पुलिस समझे जाते हैं। पार्मिक विषयों में पार्क विशप र कालापानी था, अर्थात् होम दिपार्टमेट (Home माफ़ कैंटरबरी (Archbishop of Canterbury) epartment) उसी के अधीन स्कूल पीर कालेज उमके मुख्य अधिष्ठाता है। फलफचे के पिशप की । पेन्शन १५०० पीर पार्पिक पर्यात् १८७५) रुपया प्रत्येक महकमे के अधीम पीर मी महकमे है। मासिक होती है। जीलिए यहाँ की शासन प्रणाली के लिए मैंगरेजी पड़े लाट, मसी लाट और गवर्नर हिन्दुस्तान के घBureaucracy" का प्रयोग होता है। वेशिक माहर नहीं जा सकते । उनको छुट्टी महीं मिल भाग देशी रियासतो पर अपमा प्रभुत्व रेमिोन्ट सकती। पड़े काट की कान्सिल के समास ६ Resident) प्रथषा पमेन्ट (Agent) के मारा स्थिर महीने की पट्टी सकरी सर्टिफिकेट पेश करने पर मता है। राजा महाराज्यों के पढ़ने के कालेज ले सकते हैं। पर अपने पद पर रहते हुए ये भी Shieli' Colleges), रियासतो की सेमा,सीमाम्त- भारतवर्ष के बाहर महीं जा सकते। दिवमोचर-प्रदेश, अजमेर मेरपाडा और मैगरेजी अंगरेजी राज्य में धर्म, पर्ण प्रथया जन्मस्थान स्वस्तान भी इसी महकमे के अधीन है। कानून में भेद होने के कारण कई किसी रे पा पडेपद माने पासा समासद् हमेशा पैरिस्टर होता है। पर नियुक्त होने से पम्बित महीं किया जा सकता। थेि।