स्या २] प्रमाय मालिका। १०० - - - - गाधर शर्मा करते हैं। इस स्थान के दर्शन से हिन्दुओ के परिवार में सिह या माताएक मामले का मरव-पापय प में भकि-माय का यिशेप सम्पार हो जाता है। भी प्रापसी करते हैं। मानमा सतीश काम में पड़ता है। मीनारायणजी का मन्दिर पल्टन-यामार के उत्तरी र रामा पाबू मे अनेक मरीजों से फारिग रेम पर। पास ही एक छोटा सा का। यह भाग का दैनिक झापा ही पा कि ग्नके सामने एक 11- एर पो पच्छे मीके पर है। बाजार में प्राते जाते १२ वर्ष की निरीह पाक्षिका, प्ति में प्रास् मरेप, मा प्यों को शिवजी के दर्शन हो जाते हैं। कचहरी- सही हुई साटर साहब समम गये कि इस पालिका पर कोई मारी विपत्ति माई है । रहोंने पैनिक ने मेज पर रख पर एक पञ्चायती शियालय है। उसके दक्षिण कपड़े स्नेह साप उससे पूषा- देवोमी का एक मन्दिर है, जिसको भक देपिया 'बेरी, क्यों रेस्ती हो"? मन ने यनयाया था। एक शियालय जामदास द्वाटर साहब , मैं के पास पाई हूँ। मेरी मम्बिर कहाता है। उसके भीतरी चौक में मां का पुरा धाम"। पुषों के ठहरने का स्थान है । मन्दिर पुरामा मेसी शार है। तुम्हारी मां को या शिकायत है? लूम होता है। सापटर साहब, मेरी मां को बोगोर का बुखार पड़ा है।तीन दिन से पागोरा भी। भार पम्य दुमा तो भापको पुलाने के लिए मेहै । हमारा र बहुस पूर मही । माप पा कर देश सौरिए"। श्रनाय बालिका। "मैं ममी बनता हूँ । म पारामो मत । ईपर तुम्हारी माँ को मोग कर देगा"। मास्टर साप अपमा वेग म्यमशासाय R त राजनाप, एम. का प्पवसाप पैदल ही चम दिये । बाकी के मना करने पर भी ग्नाने सापार मही । सरकार नहीं माना पीर मा-सारा मकान पठनीय है। मैं भी पो-प्रमीर गरीब-समी गानको प्रातः सा से गाड़ी में परे पसा गया है। इसलिए RamRR मपनी पीमारी में पुताते हैं। इसके थोड़ी दूर पैदल पखने को तीपत चाहती है। को मरण । एक तो भाप साप राय साहस पंचधार गलियों से निकलते हुए एक दूसरे को स्पटवा। तीसरे सदाचार की मूर्ति बहुत बेटे मकान में पासिब हुए। मकान की समस्या देखते पिसीस पर्प की समस्या हो जाने पर भी भापमे अपना ही गस्य साहब ने समय लिया कि इसमें बनेपानी पर पार नहीं किया । ईसा की पा से भापके पास कम्मे और विकास से वक्ष्मीमीम श्रेप मासूम देता है । पदोने म की कमी नहीं । प्रतुल पम और अमित सम्मान के मकान के मीवर सावन देखा कि एक परमीचे चार- पिकारी होने पर भी पाप बरे मितेन्द्रिप, निरमिमान और पाई पर पानी की मां मिमा प्रदे पेरी हुई। आंगन पाचारी है। गौरनपुर में भापको तरी यस फिमे सिई में मीम का एक पेर। सके पत्तों से मांगन भर या। सपीए पर मारपेटे यो सबकी पान पर मालूम होता कि कई दिनों से घर में मार कमी मगाई मा पाएका माम इस मा गया है माने सन्म से गई। पाकी ने अपनी माँ की चारपाई के पास पहले से ही । मिनाती है। पापका बा, पीर परेरा एक प्रविधा रक्या पा, क्योंकि उसने अपनी मां से मुना मपरा कान्तिपूर्व गोरा । ममीब से बातचीत करते बाकि कोई भी गरीब भादमी रास्टर साहस पर से । सी कमीफ भाप कम मदे इस भाव मिरारा नहीं कराया गवा राम्य साहस म पर पैर . पारयोग मापको सादगार सममन्ते है । भापके यो बामे ने मां के मन में पोर से मापासपी R ८ सार
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