पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२४२

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सरस्वती में विज्ञापन सरस्वती के नियम । सरस्वती मविनास प्रमाणित होती है। यह तो पापको विदित हो कि अब सरस्वती नाकामय सारित इसका वार्षिक मूम्ब । पति का प्रचार भारत के प्रायासमी माता म उच. संचयका मम्याविना प्रमिम मतपरिरानी रोत्तर अधिकाधिक पड़ता सासा है। मारतषपे का भी माती। पुरानी पविर्य सब नही मिती मोमिती पेसा कोई प्रतिष्ठित मगर नहीं नह“सरस्यती"के भी नका मूल्य) मति से कम मरीचिमाता अनेक प्राहक महो। यही नहीं, किन्तु लन्दन, -अपना नाम और पूरा पता साफ साफ मिल कर अमरीका, प्रमोका, फोगी झोप मादि दरपेशों में भी मना चाहिए। जिसमें पत्रिका के पहुंचने में गान। सरस्वती के उत्साही प्राहक बढ़ते जाते हैं। यह ४-विस मास गावाती किसी कोनरिमतो रसबी पालि हमारा अनुभव ठीफ है कि एक पक प्रादक के पास कमिए रखी मारके मविर रामको सिखना पाहिए। अम्पपापाव बिन बार लिखने से पापा बिना मान्य न मिम पगा। से सरस्वती ले लेकर पढ़ने वालों की संध्या पाठ- बरि एक पीरो भासमिर पना बहाना ही दो रायमानि B का प्रबम्म फरमा पारि पौर सरस्वती का प्रत्येक यिमापन प्रतिमास तीस-चाळीस परिरारा प्रपा अधिक मनिए बदमामा में तो बार सम्म मनुष्यों के हएिगीचर हो जाता ६ । सभी धूचना परवमीचाहिए। इसलिए सरस्वती में विज्ञापन उपाने वालों को यिशेप -मरसती की रक्षामने माम सब जगरनार ० छाम रहता है। सन् १९१३ ईसयी से तो सरस्वती पापा पर पाप करते दिपक मास की पत्रिका नही का प्रचार पर भी अधिक मढ़ रहा है। पपी। परम्स, बाबारपीतर चकर मेनी माती पाशा है कि पाप भी "सरस्यतो" में विज्ञापन है। इससे माहकों को इस रिपब में सारपान बन्न पारिए। छपा कर उससे काम उठामे का शीम प्रयास करेंगे .-मेख, करिवा. सप्रमोचन सिए पुस्वः पोर बदमे के पक, पमारक "यातही शरीरानपुर, और बहुत जल्द विद्यापम मेश कर एक बार प्रयश्य पर से देखने चाहिए । मूल्ब सपा प्रबम्पसम्मम्य पत्र "मगर, परीक्षा करके देख लेंगे। सरस्वती, रिबन पेप, प्राचारपवे से पारिवारि। उपाने के नियम ये है:- पाय-मम्बर मियनाम भूमिरगया। १ पा २ पातम की तपाई ... ... १२॥) प्रतिमास ___-विसी मेव पया करिता काय करने काम या १ , ... ... ) , करने का,दया रसे मीयाममोगने का अधिकार सम्पारक कोरे। मेखो देगनेबसाने का भी प्रपिसरसम्पादकको ओमेत सम्पारक मोटाना मगर र रन पर पौर - पा 1 nn. ... २) , बिस्टीमेखककेसिभ माविमा सेमेख .:-विधान निर देसे पारने की स्वीकृति मोगवा बगा। दी माती। -मरे मेख नहीं प य । स्थान 4 पनुवार २-एक मातम या इससे अधिक विलपन पानेवासेको । मेच एका प्रपिक सेवराणों में प्रति प्रेते। स्वती विना माम मेवी गाती है। पौर को नहाँ। -स परिका में ऐसे पनतिक मर्मसम्बन्धी २-विशास्न की कई पैरागी देनी झगी। देशम मार्यगे मिनका सम्मान मनानकामसे झेप। ४--साल भर के विज्ञापन की छपाई एक साप पैरागी ११-बिन खोमपबऐंगेन बिमोनिका देनेवासा सेक) फो मया कम सिया बाया। बासा मेवा प्रबन्धनकारेंगे, तब तक खानप ५-सरस्वती का वार्षिक मूल्य ... भाग । परिचिों के मान करमे मे पद पार पा मांगने की एक कापी का मूल्य ... ... 2) पोररी पकाकरेगे। ) पास्यपहार इस पते से कीजिए, R-सिम पारसाने योग्य समय मागे पोर मैनेजर, सरस्वती, परिमास मातीता कौने तो सरापती निवो पार पुरस्कार भी प्रसमता-करिबमाबग्य। ईसियम प्रेस, प्रयाग ।