पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२६८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सण्या ३] तमूरल पारह विधान। मसर का राष्ट्र-विश्य हो रहा था। मुम्ब-सम्रार की शक्ति रीति की शासम-प्रवाधीही विए म्पयुक्त सममी माममात्रकोप स गई थी। छोरे वारे रखवाड़े पर तो गन्होंने कोई पाप नहीं किया। रपर भूमि पर काम रहे। इस वर-पपर समय इस शक्ति का नाम मते एप में हिमसुम्पमा रेसियतका काम मा मो मोने कम्पनी रेराम्प को मर्म-ग्रयों से अनेक माहस दिये और पा मिर सम्पपस्थित पका दिपा । पानी की राजनीतिज्ञता का दिया कि प्रवा-सचाक शासन-प्रशामी म पागेको प्रशात सपा मोरममि मराठये और देवर से पराम्मी शो म थी। इसके सिवा नोंठोर शासक सदाहरण को पुर में पराम्स करके कम्पनी के मार्मिक और सामरिक देश पर सिन किया कि अनियन्त्रित शासक होने पर मी बस स्पिस्ता प्रदान की। ग्न बोगों के भाव कैसे ग्वार थे। इतिहासमसिब तैमूरमा पर. रेस्सिार से दो पर कार्य ऐसे हो गये मिरले बारह नियमो का अनुसार विचार के समय परिम्स कारण इंगो के कितने ही बेग ग्मके विरोधी बन गमे पर पा सिम किया गपा किस नियय शासक निधार धार मा अपने पद से इस्वपन रेकर इंगवा को बोरे मी प्रमासत्ताक शासन-प्रणालीमारी से सर्वपा एम्म हम ग्मके विरोधियों में पार्टियामेंट में राम पर मनमामा मथे। तैमूर के इन बारा नियमो या विधामका प्रमु- शासम करने के सम्बन्ध में अभियोग चलाने का प्रस्ताव बावने मापा के मूख-प्रन्प से किया पा । भान हम पस्थित किया । समका मम्ताय स्वासो गया। एक वर्ष के रप्ती प्रमुपारकासतम्त्र मापाचा सास्वती के पार कमिटी साटित हुई। उसको प्रमिपोग चबाने का काम मनोरजनार्म पहा देवासम्भव है, हमारा भापानवर सपा गया। इस कमिटरी मुनिया, फाक्स रिटम मूह से पात र क्या गया हो। पर, उसका प्रपिाय माय जैसे ग्सबमाने के प्रसिद्ध मसिब रागनीतिशये। इसमें अवश्य पा गया। पार्थियार में पा प्रमिपोग बारह वर्ष तक बात मूरबा अपने प्रन्य में मिलता है-राम्प-बियेता इसके सम्म में से बहुत जबरवर पार पुतिपूर्ण मेरे बेटो, और मेरी चियाको सन्तान को, जातोकि- बहस की। इसकी वास से पता बगता कि मं मारत सगतिमान् परम्मरमा से में आया रमता हूँ कि मेरे सम्बन्ध में कितना शाम या। पहां की मापारस से पास-बों और सन्चो में से अनेक योग बम, पराम सापारह बात तक इनसे विपीन पी। मारेगी और म्बायाधीश के अधिकार बाजे सिंहासन पर मंगे। में से प मिनि किसी भारदीप का मुसा भी मही इसी लिए अपने राम्य का प्रफीमा शासनमने के पेला पा, भारत में माने गाने की बात तो दूर है। पर रनके निषम पार विधान बना कर मैंने एक स्पान में प्रमियरोग सम्बन्धी म्माम्मामी को पड़ने से मादम होता साबित किमा है। महारा मेरे बाप-पणे पार किन रिम्पार मुसलमान दोन बातियों के प्राचार- सम्मान में से प्रत्येक म्पति मेरी गति सामान्य हो रिचार और स्पिति का पूरा पूरा ज्ञान था। बाम्ब में पन्त तक स्थायी बना ले । इस साम्राम्प और शक्ति को ने इस प्रमिपोग के प्रमाने में अपना सारा पाणिन मन भगवान की कृपा, मुहम्मद के पविग्न पर्म प्रभाव सरसा और ग्नकी परणाशी सताने तमा प्रपात अनुमारियों देखिखर पर मोमो पमिपोग गाये गये पे उनका की सहायता एवं अपने परिमम, कठिनाई, खतरे और खूब सम्मान गरे रिस्त में बड़ी मोग्बा से किया । तर खराबियों के द्वारा प्राप्त किया। देते हुए गम बोगी में एक बार पर विशापा कि स्थिय मेरी सम्हार में से सम्पछिका पतप किया मारत मोगों के समापनासदीप शासन इन विधानों के अनुसार, अपनी साम्राज्य विप, किया है। प्रोग, हिन्दू मुसल्मा दोनो, प्रनिपनियत प्पकार । इमसे जो सम्पत्ति पीर सो अधिकार रसे यसनी भावी है। पहा पाम्परा से प्रनिन्धित मुमसे माठ गये परमे से बचे रेंगे। स्पसा मयामी दी थी भाई। मत्पन परि गवर्नर मे माम्बवाम् पार विस्मात पेये, तपा राम्प जीतने भर में प्रथम समाव और दधिको मानस पूपि मापी मेरी सताम, पर पिरित गरेकि मैं अपने समाये - - म -