पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२८२

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संख्या ३] . युर पौर प्रिटिश माति की क्षमता । . युद्ध थोर ब्रिटिश जाति की क्षमता। इन समितियों के ऐसे अनेक मेम्परों को मानता हूँ मे बैरिस्टर, वकीम, मुल्तार, परकमकाराक, अम्बका, प्रोफेसर, अप्पापक, चित्रकार, कारीगर, यन्जिनियर, प्यापारी, काम (लक, भीमुत सेंर निहावसिंह) पार और महरिर मादि। योग दिन मर अपना अपना

          • शि गाति की देशमति सर्वथा अनुनय- पेशा करते हैं। पर, शाम के वक और हिमों में, बिमाम न
  • पोखरा और ऐ बिए करके वायद करना पीर पम्प लामा सीसते हैं।

त्रि नमूना है। देसिए, मटन में मोबाग सम्बन नगर के जिस माग में में रहता हूँसका माम किसी कारणायपुर के मैदान में ईस्ट सविध (East Dulrich): इस मा में मी पहा बार नहीं पा सकते थे इस दुस्समम के और प्रास-पास के गहने पाओं की एक शारषियी समिति में अपने देश भौर अपनी जाति की सेवा और पैर प्रकार इस समिति का दर एक खासी दूकान में है। परमे से करने पर पर । एक प्यापारी रहता था । इस समिति के मेम्बरों के वापर ऐसे साभाबमी यहाँ जिनकी अबस्मा सैनिकों की माने का मैदान पक चरागाह पा धरागाह एक शास्त्र नियमित प्रपस्या से अधिक है। सैनिकों की नियमित की है। युर यस होने के पहले इसका एक हिस्सा सेख- अवस्या 1 से .. । इसी कारण इससे अधिक उमारी के काम में बाबा शो पा । रसमें बिल्ली की रोशनी पवमा पारे पुरुप सेमा में मरती नहीं हो सकते। यदि का भी साम्प मा । मैंन मापा देखा कि इस समिति गोनि पापे मैनिकम कर काम किया और फिर सेना र प्रकार के मेम्बर रात को बिमसी की रोशनी में, एक में भरती होने पर दो मरी। किन्तु जो पुरुप पेड़ से दूसरे पेड़ तक परा पि कर पामर किया करते हैं। सेना में बहस मरती हो सकते भी अपने देश की रा इस समिति के मेम्परों को मापद सिसखाने पासा (हिल देखिए कबरपा पाइसके लिए न मोगों ने मास्टर) मेरा पड़ोसी पावन के पास-पास के सूमो देश में प्र देश-पिसी-समिति" (Defence Laa- सा को माया सिसाता है। इसके लिए इसे सरकार gues) साठित की। इन समितियों के मेम्बर बनकर से बेठन मिताहै। प्रेमी कवायद सीमा पनी वापर सीखने मे रमका पार इस समिति के मेम्पर पत र क "मा" मतमा पाकि परि भावस्पाता पोतो ये मी पुर में करते चले गये है। शनिवार को दोपार बार सर.मेम्बर जनका काम कर सकें। समिति के मुम्प स्थान पर हानिए। फिर, परार्धापकर राषियी समितियों में हर प्रत्यारे मनुष्य है। कोस दूर बामे एक स्थान के लिए रवाना पापा ज्य को गनमें से भगा और जयपद भी मतों के पकने पर गरें मोमन और विमाम लिए कप समप सिरपाल पर सवोत्प ती वो दिया गया । इसके बाद फिर बन्दन को शाप से बीट बिहामनी वो गायोग .. वर्ष से कम पड़े। पन्दन में रविवार से मुग पांच पाये। पत्र भी इन समितियों के मेम्बर। ऐसे बोग पा समितियों के मेम्बरों की मिड की बी मीहै। पर वो किसी शारीरिक पापा और किसी कारण से प्रेम में बी अंगरेपी सैमिमें कीवी से पास रुख मिलती पती ममती रोने के प्रपोग्य पराये गये हैं। पर पे सबके सब भबपी का कपड़ा बिना बाकी नहीं, पर पाबीच 'पुर रेसिए पर हो रहे हैं। भोग रस मिशा है। समितियों का हर एक मेम्बर अपने पेर-पिपी-समितियों के मेम्पर सभी भाग वा हाप पर एक बाब पी मगा रहता है। इस मही ' अमीर का मप्यम मेयी और एप पर G. V. R." प्रात् महाराज मा पदम के बारे भएर बने रहते हैं। अपनी पनी का दाम मालेगों र फेणे हे मनुष्य इन समितियों के मेम्बर में से अपनी अपनी गरि से देवा पाता है। समितियों का