पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३५८

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नई वात! व्यापारी खुली चिट्टी लीजिये ! सो चीज हिम्पी मापा में कमी थी दी अनेक व्यापार-कशन लेखकों की नहीं यह भी अप छप कर तैयार है। कोई भी हिन्दी लेखनी से लिखे गये व्यापारोपयोगी पढ़ा ऐसा न दोगा ओनसे पूरा पूरा प्लाम न उठा सके। जमीदार, नम्बरदार, तहसीलदार, सेठ, साद- लेखों से विभूपित . , . कार, पटवारी, ठेकेदार, प्रोवरसियर, मित्रो ष मालिक मकानों के लिये तो यह दोरत समझिये । प्राप असर देखिये- १"सिविल इंजीनियरिंग' इसमें मये विशेष अङ्क शीघ्र ही प्रकाशित होगा मकान बनाने, पुरानों की मरम्मत कराने के फुल यह यही भ्यापारी है जिसकी सत्समालोचना , - सामान, ईट पत्थर चूना केकोट सफड़ी माद का फुलासा बयान है । सप तरह के कन्ये परफे फुए सरस्थती-सम्पादक पण्डिस महापीरप्रसादशी पर ताळाय बनयाने, मरम्मत कराने पीर उमसे मेतो दियदी इस पत्रिका में कर घुफे है, जो कमर्शल-प्रेस, में पानी लेने के नये मये तरीके चित्र देकर सम- मुही-फानपुर से हर महीने निकलता है, पार झाये हैं। इसमें सड़को के धनामे, मरम्मत कराने जिसका पार्पिक मूख्य सिर्फ । है। फा भी पूरा बयान है। इन सब के प्रयाया पार भी अनेक उपयोगी बातों का यथान है। सांचय विशेष अङ्क का मूल्य ६ पाने । पक्की जिल्य का मिलने का पता-मैनेजर "व्यापारी" २ "सर्वेइंग योर लेवलिंग' . कमर्शल-प्रेस, जुही-कानपुर। इसमें अनेक चित्र य नकशे दे कर अरीष, पम्पास, सदाता (प्रेमटेविल) पार टैविस प्रादि सब तरह की पैमाप के पदी मासान तरीके बताये गये हैं। पुस्तक अनूठी है। ६० निहालचन्द्र गाए, १५० माधय कासेज ___Ujjain उज्जैन (C.I. भारत के सुधार की मोघ किस ने साली! मामी से सावधान मसती गरिस। अपनी दा सिम योग्य स्वामी दादूपयाल मे । उनकी वाणी जिनमे प्रदर्शिनियों में काट तपापा । की पुस्तक मैंगा फर देसा, जिसे राय सादेष परित हाथरस के असली पके चाक। चंद्रिकाप्रसाद त्रिपाठी मे शोष फर टीका सहित पिटायती चाकुपों मे फहीं पढ़ कर पच्छे सस्तं संपादिस किया है। फैशनेपिल पार मज़यूत है।की सफड़ी मूठ Jy चंदन मूठ m edy ६६० पृष्ठ रायत, पा का टाइप, चिकना दो फना शिफारी मता कागज, सुमहली जिल, मूल्य ५ रुपये। B) उस्तरा पयित्र पदिया होग सेर पास उड़ाने का साधुन तीन टिमी ne) मान्सग ममेर में . म. पता-भारतहितकारी कार्यालय में.. - विज्ञापन