पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४२४

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संध्या ४] युर पौर मिटिश-वाति की समता। घा NO ९TIEmp . पद घोर विनिहा-जाति की क्षमता। एक परमाने में गई पाने का काम होता है। रस _माभिक से मेरी जान-पाचाम । रपमे मालूम पा कि [समक, धीयुत सेंट निहालसिंह, सन्दम] रसके कारणाने में मामूली पन के असावा र साम होता है। मन पीर-फार भागार बनाये जाते हैं। PROINEAREपो चौर रोगियों की सभा में काली पातो हुई म के रास्टरी मामले की यात। इसे पाहिए, इस पर विचार करतेती माने दीथिए । इसका सो पर काम पाधारण एक बात तुरन्त यादमा सती की बात मुनिए । परोपकारी ग्री-आप भी इस पिप में FHR आस पद यह कि इस पुरसमय यहाँ परत पर रहे। मा पुर गुरू मी म हुमा पा तभी मी-पाप कितना भरता कामा पेसे मोगों की दो समितियां पी। (1) राम सापरी रदेशसमे यह समझ लीजिएगा पीर (१) पार भाव सेर बार भाप नेपालम। आफ्टर कि हन भागों में ही रोगियों और पाप की पिकिसा धार एमपक संपार मा ही हमका काम पा। ये मंत्रा सारा प्राप किया। इस पर भी प्रर्य नहीं कि इस लिए बार किरे यातं मि परि कमो माई पि पही मोग मयं विस्मिा का काम अपक्षा तो ये पावसो की सेवा-गभूपा प्रादि का प्रम रस। विकिसी को मार रहे हैं। पात इससे विममा पे होमो समिनिा पर काम मपने मन से करती थी, किमी जमरीकिसा का अधिकांश कामीजी शटर काम पा दवाय म मा मत पणे परापकाररत - खोगो के गन्दे से पता था पार भय भी पत्रमा । मिरिय सेना में चिकित्सा-सम्बन्धी सारा काम प्रायः भोग इस काम को भर भोग इस काम को प्रप्ता मममो सगी में पदा शादी कर देते हातपापि ये दोनों ममितिर्मा सागर के पोती माम्मे Medical Corps) करती हैं। पुमके पारम्भ में इस बारा मनातीत पी। पुर पिने ही होने परने दायर मारमे में अधिक वार माविम । पांकि उस समय और यभूपा मारमा पार पुन र माले पर काम पौम की सपा कम भी। पतएव पदी पायपर मना रारू कर दिया। माना साापता परमामा पा बीमारी की हरना करमी परती थी। पर मय तो सनी देने के लिए तपाइनपार गई। सापकीन मिटि सेमा की सक्या पत पर गई। पर २.१.... कितने ही मेम्बर बने मगे। राहो, पार, अपमा Aमिपाले तीस पापीस पासोमा डोपी पटाने पाये, पापमो की गापा ग्निं पामे भाषि इस कारण रापन मामी मंटिकस राम भी. संपार करने और अस्पताल सपा पाहव मानने के लिए बसी हिसार से, गया।पटरी मनिरामपरी पापा पम्मा यमा पनि मगा। साम मोपायरीगर और मार- पापी मण्या में गरीबी परिग सेर वाम्म एमुना प्रमामिशन- सममिनिया ।भापी, मरमपरियो, बीर- सागरोवर मिररहो गई। प्रमग vanाम परम में गाने हमीरी और सीपीगेपासे मुभीता मया । प्रनग रामे पाप ममपद वो चीरकर तीस पारी भार पन न? वाता। योनि मगुराण में की गानि बानी।। होती है। गेर मेरा पा सपा मीत्र में दुनिया में मिले समाचार-पत्र, सम्ममा साम्म भरगी दो गपा गाई मदान में ही पाप लसपसे पिड मनापी। परं पर बार सैनिगोल-मार पराजिम मन से मर माशिक (Leonl sertirli:10) भार मामी सारण मोमता पा सके मामिक मुझे मासूम मा कि और मापीर सावर मी । आपने दम रोग। मोमिबिएमालूम कितनी बारे पुग। ममिति गरिए पदार्य में माना