पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४४

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सम्या१] पाटम के जैन पुस्तक-माप्रार। २७ पर मिली गई पुम्सने की माम। इनके प का है। जिनको पुरानी "शिपिर्या पाने का प्रम्पाम महीने एक सल्पा-आम है पर वाइपों केही सण है। इसमें पम इमे नही पर सम्वे । अपर यरे मुम्पर, सु धार गहियोपमप्ले प्रम्प सम्म माणहारों में पैसे सुपापर मेस मे मेलम-कसारा सूप गारिया रम्प महीं। . या। सम्मे, चौरे, गोस और ये मे भादि भनेक प्रकार ___ तीसरा नम्पर, फेोपचिपा पाहे की भागदीसेरी का के सुन्दर भएर पर्दा की पुस्तमें में पाये जाने वालों है। इसमें १.१५ पु काम पर और २२ तार पर पर पर कानी ही स्पा से लिया जाता है। परम्नु पर स्पाही । सामानों सदी में बाद माम का एक करों पसि सेठ रोती बहुत पदो। एक एक पसार वर्ष पुरानी stो गपा है। इसकी बहुत सी पुस्सा सी की सिपाई पुस्तकों के प्रवर पाय तह से ही काय पान पहला प्रमी मिप गरे । मात्र कम मो स्पाही काम में पाती चौपा माणहार, पूर्वोक्त मास्मे की वसवली की सेरी में रममे पर स्पाही मिा प्रकार की ती पाशिम है। इसमें २६९५ पुस्तकें कागल पर और ११. तापम पीने से पौर निम रीति से बनाई जाती सका टीक पर है। इन दोनों भात् तीसरे और ये मानारो में, दाम में मालूम ने गमावा -पों पर चित्र मी दिन रस्त, प्रारुत, अपभ्रंश और गुमाती भाषा में लिये हुए, होते थे, पर ये प्रणेम बनते थे। पिनों में भी सिदान्त, ताई, म्पारण, काम, प, पोतिप, पप, मरा सता पाइस मेरा साप तापम चिों का प्रथम, इतिहास भादि मापः सभी विपये के प्रप। नमूना दिपा गया है। पिच सात् १२.लिए पांच माण्डार, सागर के पात्रप का। इसमें एक प्रन्य सेपे गरे ६.सोमवप्राचार्य नारा पोरे पेटे से सीम समाइसमें भी पहुत सी पुल, दुमा है। सर का चित्र मानाचार्य और भीरका मोकागा पर दी बिपी रामा इमारपारका। ताड़-पन पर पुस्तके । सा-पत्र पारेको भनेक बाप के पा से पता पहा माणदारों में जितने पुराने मारपन रतने च और पोने से पाय : मारा-चदा है। पुराने मेपासपोरकर, रिन्दुस्तान के अन्य भागों में सहाय ममापार से मंगापे माते थे। दक्षिण में मी मा। मरम्म प्रान्त में पाए पत्र पर गुत से प्रम्प मिसे वाद-पत्र मिबते. परतनिरोप विनं. पदभार मा. है, परन्तु अधिक पुराने मही। गदर बचपना मूल नहीं होते । मसासरी तापप पनामत भार पर मुसार पिप में मो सबसे पुराना वा पत्र मिमा पर मारियो प पर मिले की अपेवा पर मार सन् १८सीमा पर पर्दा पाटन में जितनी पुस्तके परपे गाते हैं। इन पर मिरो मापे य . गोरेगी। पेस इस समय पूर्व की ही लिपी ई। विम्म बापल्प. मानव भार निपे होते थे। नमा की पारापों मड़ी की मिलोई भी कोईई पुरस्क यहा मी पुनविपामते पाकितने ही भाषा पर मामी मावीमारी, संगती और पानी मदीके निम्मर दिया या सिरसा से दिन मर में ११-१. होमक प्रवासात् ... सी रिसी सांज वाप बिमारिए। पुन पद पार की कोई महो। प पर जित्नी तामों पर संपरा कम व पिवयी गिरा। पुग प त पहरी नि दुई नही मिन Fमा मित्रता है। 1-1-1-1 भारि पो मन पर, सम्भात, पावसापानी, पपानी, रंगमपुर, बीमगर, मददमपुर पारि नगरौ में पंप, मिसराम, मापार, भए एमाग में एक मारमा मीमग, निमाग, मानव, सेप्ममिादेव पादि समायो मिमी मंगाप्रपने पारपाई पर पर समप की मिलिपि मत मागी। रिपमें भिगार १

भाषिक शमी बिपि मिपि स मेड सानी दिन PFIR पुनमगरी ३ मा