पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४५०

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संख्या ४] विषिध भिषय। २८१ ही पीलों पर बरपा । पर आप इनमें से भी कई बीड़ों गाम्प मे पी नहीं रहने देना चाहते । पारने मपंच प्राथमिक पर भगा दिया गया है। जो पागम विदेश से इस देश में शिक्षा अनिवार्य कर दी।वहीं दो में, नहीं पान में माता म पर पाने कापा सैकर पा । अर्थात् पाप में माता-पिता अपने पासून मेन के लिए मी परे कागज पर सरकार को पया देना पाठा कानमन मार देगे। सूषों की संख्या मी-बोगी। था। भव पर कर मारे मात पपा हो गया है। इस देश लिए मकान और सामान भी पानों पाया पर दिया में काले कागज मानता । जितना कागा पा यमता मापगा। मोमेसी सूखा भार काटेगों की भी पनि पसका प्रायः ना पिश से भाता है। पुरके करय होगी। हर साल एक पान राम्प के खर्च से पानी गिता कागल पहले ही याप्प पा । सो प्राप्प भी पा स्पो वाम प्रस करने के लिए विषय मेगा सापगा। मागम मार प्रायः दूने हो गये थे। प्रब कर योगी माने में उसकी पग-पन्धे सीखने का भी प्रयास होगा । भागीरदारो काम दुपाप्यता धार भी बन जाएगी । स्याही भादि सपा कापने से कम मेरिफ्रेशम तक पपरयी शिक्षा प्राप्त करनी होगी। की मशीनों पर पामें परबपा। अब इन चीजों पर भी इसके मिया राप्रपार चार शिवा-विस्तार के सामों में २२ पपा सार अगा। पहोगा कि पुनको भार भी कितनी ही पनि होंगी। वएप मारामा हात्र- भार समाचार-पत्रों के द्वारा प्राप्त करने वाली शिपा और मी नसी मिनी प्रशंसा की आप कम । पारने माग्ने पार बामुम्य पार दुप्माप्यो मापा । भारत से स्पशिपिस रिम्दी भाषा माहित्य की प्रभितविभिए भोपियार रेशलिए पर पड़ी ही दुमांप की बात है। प्रब पहा या साशन करने की मंगरी दी है। इस लिए दो मि- की प्रकाशित पुस्पो का मूस्य पदम गपगा। रिपा पमी है। एफ मराटी के लिए. इमरी हिन्दी सिए । पतएव पोले प्रामानी माग गर्नेमासानी से मोमन कमिरियां नसे भये प्रम्प तपार करावेगी और प्रग्पकारों . से सगे । पर बिग मेमो पुम्स में पर पर्दा भागी मरे परिममा पुरातार देगी। पाया है मार रपया मपरश्य भी मरेमा पांगा। ये पूर्ववत् ही पिमा रसाम पूर्ण करने से दिल में यदुत सीप यमन सी डी करायेगी। इस कारण इस देश के प्रकार की और अप्पी पुस्तके प्रमशित हो जायेगी । पुस्तकाम की नी भी हानि होगी-पिरोपकान मोगा की प्रेगरेनी चाहिए। विज्ञान, कानाराज, योग-पये, राजमाति, ममान- भी रखी किमा पाते । परिये विज्ञापती पुल-मीति, इतिहास भादि विषयों पर दिल्ली में पल को कम प्रकार का मुमणमा चाहेंगे तो शामरमर मरेंगे। साहित्य सम्मी की पर्मिकी र हिन्दी कमिटरी से स्पोकि पापाको मागम, स्पाही और मैगीने पर अधिक अधिक सट होना चाहिए। परेला पांगा, पर दिखापत बामे इससे साफ पचे रहेंगे। १५-भारतमामियों की साम्पसिफ, एस्स। १४-वीर-राज्य में शिक्षा-प्रचार के लिए स दिन भातीय गर्ममरप्रभाविप में मया प्रध। जमा-गापिदा परालया र पाnिt. सिपा-मार करने में दा और माइसौर रियासों में मातमपामदनी मागी हम भार माम मागेम Inामा भी सामस एनीमानीगीचमारभारायंचपिरमाती तर या। सिपा-मदनी बातों पर विचार करने के पानी से नितना करना atm में प्रतिमा मिररनरेश, महारापोवार, एमिरी बना री पांगाम सम्पम्प में भर्पपचिप में या भी पताTER 'पोमात यो पो तीन पाए । यथासमय मिरी में देश में बिजली पामरनी किन गाणापा । अपनी रिपोर्ट मेमी । पर महाराय र माताप पारा दिमादी पारपातापही। पापा प्रकाशित रिस पाने से विरित रोमादिपप्र इतना सीरतालिम देश और समामा मसिन विधामी और शिपा-प्रपार निवामिन में सर ११,...भादमी चामनी पर मिने पपगी। पार पपणे राम्य शिवीय सी पान मने पोगरमाथामा समान