पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५७२

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marva wwravrruru विज्ञापन . भारतहितैषी त्रैमासिक पत्र ऐतिहासिक पाठक महोदय, इस पत्र में, भारतीय साहित्य, इतिहास और . शिक्षा-संबंधी लेख निकला करते हैं । प्राचीन ग्रंथकर्ता कवियों और श्राचार्यों के जीवनवृत्तांत, राजाओं के जीवनचरित, प्राचीन शहरों के हालात, प्राचीन ग्रंथों और अर्वाचीन पुस्तकों की समालोचनाग, भारत- वर्ष में केवल तिहातिक विपयों को प्रकाशित करने वाला यह एक ही पत्र होगा । भारतवर्ष का सवा और विश्वस्त इतिहास तैय्यार करना इसका मुख्योद्देश्य है । भारतीय पुरातत्त्व की अभी तक बड़ी ही शोचनीय दशा है, यही समझ कर यह पत्र निकाला गया है। पत्र का पहला अंक निकल चुका है, वार्षिक मूल्य १॥) है । नमूने की प्रति 1) के टिकट भेजने से मिलेगी, पसंद भान पर यदि कोई ग्राहक होंगे, तो ।) काट कर उनसे बाकी १०) लिये जाएंगे । प्राशा है, भारतीय साहित्य, इतिहास और शिक्षासंबंधी, लेखों के प्रेमी, इसके, ग्राहक वन फर, हमारे उत्साह को बढ़ाएंगे, योर इस परम पवित्र भारत- वर्प के, इस इकलौते. ऐतिहासिक पत्र, के सहायक धन जाएंगे। मिलने का पता:- संपादक और प्रकाशक । मैनेजर भारत-हितपी गुलशनराय थग्रवाल, । देहरादून [१० पी०]