पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/७२८

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8.3 इंडियन प्रेस, प्रयाग की सर्वोत्तम पुस्तके इन्साफ़-संग्रह-पहला भाग । धंमोपाख्यान । यो तो महाभारत के समी पर्व मनुष्य मात्र के पुस्तक ऐतिहासिक है । भीयुत मुंशी देवीप्रसाद मंसिफ बोधपुर इसके लेखक । इसमें प्राचीन राजा. लिए परम उपयोगी है । पर उनमें शान्धि-पर्व सव मों, बादशाह और सरदारों के द्वारा किये गये प्रद- से पढ़ कर है। उसमें अनेक ऐसी बातें हैं जिन्हें भुव न्यायों का संग्रह किया गया है। इसमें ८१ पढ़ सुन कर मनुष्य अपना पहुस सुधार कर सकता इन्साफ़ों का संग्रह है। एक एक इन्साफ़ में पड़ी पड़ी है। उसी शान्ति पर्व से यह छोटी सी धर्मविषयक पतुई और युद्धिमत्ता भरी हुई है । पाने लायक पुस्तक 'धर्मोपाख्यान' वैयार की गई है। इसमें हिस्सा चीन है। मूल्य :-) गया उपास्म्यान पड़ा दिलचस्प है । सदापारनिष्ठ धर्मजिज्ञासुमों को इसे ज़रूर पहना पाहिए । मूल्य उन्साफ-संग्रह-दूसरा भाग। केवल बार माने। इसमें ३७ न्यायकर्तामों द्वारा किये गये ४० हर्ट स्पेन्सर की अज्ञेय-मीमांसा । इन्साफ़ छापे गये हैं। इन्साफ़ पदवे समय सवीयत यपि यह विपय कुछ कठिन बर है; क्यापि लेखक ने इसे बहुव सरल भाषा में समझाया है। जल-चिकित्सा-( सचिस) यह मीमांसा देखने योग्य है । मूल्प ।) [ मेसक-पण्डिस महावीरप्रसाद द्विवेदी ] दुर्गा सप्तशती। इसमें, गकर मई कूने के सिद्धान्तानुसार, इसका काग़ज़ मोटा और प्रदर मी पड़े मोटे है। बाल से ही सब रोगों की चिकित्सा का वर्णन किया घश्मा लगानेवाशे बिना परमा लगाये दी इसका गया है। मूल्य ।) पाठ कर सकते हैं। बड़ी शुद्ध छपी है। कीलक, अर्थशास्त्र-प्रवेशिका। कवघ, प्रान्यास, करन्यास, रहस्स और विनियोग सम्पवियान के मूल सिद्धान्तों के समझने के मादि समी पावें इसमें मौजूद हैं। इसमें यह भी लिखा गया है कि किस काम के लिए किस मंत्र का लिए इस पुस्तक को जरूर पढ़ना चाहिए । पढे काम की पुखक है। मूल्य ।। सम्पुट लगाना चाहिए । पेसी प्रत्युसम पायो का दाम केवट ।।) हिन्दी व्याकरण । वार्फिकमोदप्रकाश (कुवर्फियों का मुं वोदयवाम) १) ( पात् यिस्यान मी बी. ए. ) रसरहस्य (प्रेमियों के देसने योग्य) ... ) यह हिन्दी-व्याकरम अंग्रेज़ी राह पर पनाया प्रीतमयिदार (भीरामचन्द्रजी के प्रेमममम) - गया है। इसमें व्याकरण के प्राय: सब विषय ऐसी रटान्तसमुश्य (संपदेश मरे रटान्तों का संग्रह) अप्लो रीति से समझाये गये है कि बड़ी प्रासानी महिमस्तोत्र ... ... ....) से समझ में मा माते हैं। मूल्यमा एकमुदी हनुमत्कषच ... ... पुस्तफ मिलने का पता-मैनेजर, इंडियन प्रेस, प्रयाग।