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अर्थात्
श्री सूरदासकृत साहित्यलहरी का तिलक
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र संग्रहीत ।
जिसको हिन्दीभाषा के प्रेमी तथा रसिकजनों के मनोविलास के लिये
क्षत्रिय-पत्रिका सम्पादक श्री म॰ कु॰ बाबू रामदीन सिंह ने
प्रकाशित किया।
"खङ्गविलास" प्रेस—बांकीपुर।
साहबप्रसाद सिंह ने मुद्रित किया।
१८९२ ई॰
हरिश्चन्द्र संवत् ८.
प्रथम वार १०००]
[मूल्य २) दो रूपया।