पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/१३३

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१३१० साहित्य का इतिहास-दशन

अन्य हजारा' पुस्तकों तथा संग्रहों में प्राप्पय नामों और छंदों से मिलाकर यथासंभव बुंह॒तूं संग्रह तैयार किया जा सकता है और इतिहास के परिच्छेद-विशेष के रिक्त कोंप्ठ पूरे किये जा सकते है ।

नखशिख-हजारा' के कवियों का सूचोपत्र

कवियों के नाम व विषय पृष्ठ पंक्ति नम्बर (जैसे हजारा' में है)

१ श्रीधर कवि कोहर आऔं (बिंदु इंदु बधूके वरण जीते ३ १७ १० (टोटल १)

२ श्रीपति कवि आगिराति ललित बनत चहँ ओर लागी ५० १५ ४४ कैसे रति रानी के सिधोरा कवि श्रीपतिजू ५१ ६ ७ कंचन की पाटीपर काजर की धार मानो २१३ है है फूले पारिजात में लखात है मधुय कंधों (४१. १६ ६ पलक अमोल ताप बरुती भंबा लसत १६२ ६ २८ खंजन के प्राणपिय बिरह तिमिर भान १६६ भर ४५ सुखमभा मलिंद के अलिद अरबिंद है १६८ ११ ५५ सारी घनघोर वारी जरजरी कोरवारी २४३ भर 8६ भूमत भुूकत उफ्रकत फेर भूमत है १६६ २ #४#८ बादर रसाल पर दामिती को खझुयाल कंबों २०५ १० प्‌ वारिजात वारिजात पारिजात पारिजात २५४ १२ १४४ चन्दकला की कला कलधौत की २३२ १७. १५७ रोहिनी रमण की मरीची सी सुखद सीरी २५७ १७ १५७ ग़ोरी महाभोरी तेरे गातकी गुराई देखि २६२ १९ १७९ (टोडल १४)

२े आलम कवि मौनीबिबि गंगाकूल करत तपस्या कंधों ५५ ४. २३ सम्पुट कमल ताप राजत प्रभात द्ुति ५६ श्णप... २६ सजत्ती मिलि हू अवलोकिक है ६९ १० 3 सुधा को समूह तामें दुरे हैं नक्षत्र कैधौं ११३ ३ श्द सौरभ सकेलि मेलि केलिन्ह की बेलि कीन्‍्ही २४५ २३. १०७ रजनीमधि प्यारी ने गौन कियो ६९ प्‌ द रगभरी रसभरी सुन्दर सुगन्‍्ध भरी २भ्र्८ ४. १६ फूलि फुशवारी रही उपमा न जात कही १११ १६ ११ प्यारीतन भूमि तामें रूप जलसागर है १५३ रा, प्रेम रेगप्गें जगमगें जागे यामिनी के १६२ १२ २९

लांबी लहकारी बहुँ पेच्नन की भारी २१७ १७ २२