५४ साहित्य का इतिहास दर्शन और जिनकी पुनरावृत्ति नहीं होती । हेनरिख रिकर्त" ने विदेलबाँद के मत को पल्लवित और कुछ परिवर्तित भी किया । उसने सामान्यकरण की पद्धतियों के बीच विभाजक रेखा खींचने से ज्यादा जोर प्रकृति के विज्ञानों और संस्कृति के विज्ञानों के बीच विभाजक रेखा खींचने पर दिया । उसका तर्क था कि नैतिक विज्ञानों का विषय मूर्त और वैयक्तिक है। किंतु व्यक्तियों का उद्घाटन और पहचान मूल्यों की ही किसी योजना के प्रसंग में संभव है । फांसीसी दार्शनिक एी० डी० जेनोपोल ने प्रतिपादित किया" कि भौतिक विज्ञानों के विषय हैं 'पुनरावृत्त होनेवाले तथ्य' १५ जबकि इतिहास ध्यान देता है 'एक-दूसरे के बाद आनेवाले तथ्यों पर । और अंततः, इटली में बेनोदेतो कोवे" ने इतिहास की प्रणाली के लिए और भी अधिक व्यापक दावे किये । उसकी दृष्टि में समस्त इतिहास समसामयिक है, आत्मा का कार्य-व्यापार, और ज्ञेय है, क्योंकि वह मनुष्य के द्वारा निर्मित हुआ है, और इसी कारण वह प्रकृति के तथ्यों से अधिक निश्चयात्मकता के साथ परिज्ञात भी होता है । ऐसे अनेक दूसरे सिद्धांत भी हैं जिनकी एक सामान्य विशेषता है : ये सभी भौतिक विज्ञानों की प्रणालियों की दासता से इतिहास और नैतिक विज्ञानों की स्वतंत्रता की घोषणा करते हैं । ये सभी प्रतिपादित करते हैं कि इन विज्ञानों की भी अपनी प्रणालियाँ हैं या अपनी प्रणालियाँ हो सकती हैं, और वे उतनी ही सुव्यवस्थित और सुनिर्धारित होंगी जितनी भौतिक विज्ञानों की । किंतु इनका लक्ष्य भिन्न है, और प्रणालियाँ स्पष्टतः दूसरे ढंग की हैं; और, इसलिए कोई कारण नहीं कि ये भौतिक विज्ञानों की नकल करें या उनसे ईर्ष्या करें । ये सभी सिद्धांत यह मानने से भी इनकार करते हैं कि इतिहास या साहित्य का अध्ययन मात्र एक कला है, अर्थात्, मुक्त सृजन का एक अबौद्धिक, असैद्धांतिक प्रयास । ऐतिहासिक तथा साहित्यिक विद्वत्ता भौतिक विज्ञान नहीं है, वे संघटित ज्ञान की ऐसी पद्धतियाँ हैं, जिनकी अपनी प्रणालियाँ, अपने लक्ष्य होते हैं, और जो केवल सृजनात्मक क्रियाओं के पुंज या वैयक्तिक संवेदनाओं का लेखा नहीं हैं । १. Positivism टिप्पणियाँ २. 'जाति, वातावरण, क्षण', इस फांसीसी विद्वान् के अनुसार कला के सृजन में निर्णयात्मक तत्व हैं। ३. Antiquarianism. Y. 'Factualism', ५. Historicism', ६. Aesthetic problems, 9. ८. ε. Aestheticism. Scientifism. उदाहरण के लिए Ferdinand Brunctiere और John Addington Symonds ने साहित्यिक रूपों के विकास को प्राणिशास्त्रीय जाति-भेदों (biological species) के समानांतर सिद्ध करने की उद्भावना की थी । १०. Naturalism. ११. Einleitung in die Geister wissenschaften.
पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/६७
दिखावट