पृष्ठ:सौ अजान और एक सुजान.djvu/१२२

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बाईसवाँ प्रस्ताव


से यही काम करता रहा है । इसके साथ एक आदमी बनाम बुद्धू और भी है; वह भी इसी अदालत में हाजिर है । ये दोनों आपस में मिले हुए हैं, और यही पेशा इन लोगों का है कि नई उमरवाले रईस के लड़कों को फॅसाया, करे ।

पंचानन-हुजूर, यह बिलकुल सही है। आज दिन अवध- भर मे हीराचद जैसे रईस हैं, सब लोग जानते हैं, तब उनके लड़कों को क्या पड़ी, जो इतनी थोड़ी-सी रक़म के लिये ऐसी बेइज्ज़ती का काम कर गुजरेगे। अदालत को जो कुछ दरियाफ्त करना हो, मै उनकी तरफ से मुख- तार हाजिर हूॅ, पर इतना ज़रूर कहूँगा कि इन दोनों का हमेशा से यही ढंग चला आया है । ये लोग रेउड़ी के लिये मसजिद ढहानेवाले हैं। क्यों नदू बाबू, सच है न ? (नंदू सिर नीचा कर लेता है) हुजूर, अब अदालत को कोई शक इसके कुसूरवार होने में न रहा, और फिर इन दोनों का तो सदा से यही मकला रहा है कि अॅगरेज़ी राज्य मे अदालत और कानूनों की पेचीदगी इसीलिये है कि जाल रचे जायॅ|

जज-अगर तुम्हारा कहना सही है, तो तौहीने अदालत एक दूसरा क़ुसूर इस पर लगाया जा सकता है। अच्छा, तो इस सबके लिये इसको सात वर्ष की सख्त सजा का हुक्म दिया जाता है, और अदालत मातहत की तजवीज देखने से मालूम हुआ है कि कातिब इस जाल का बुद्धदास है । इस- लिये उसको दस वर्ष की कैद का हुक्म होता है।

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