उन्नीस] [ *** धर्मप्रचार जारो रक्खा जावे । नवयुवक जोजफे गर्जस्तान प्रांत में पैदा हुआ था। अत: तफलस को धार्मिक संस्था के एक आदर्श विद्यार्थी के नाते उसके विषय में सोचा जाता था कि वह अपने प्रदेश में सफलतापूर्वक धर्म प्रचार का कार्य करेगा। जोजेफ को इस विद्यालय में शिक्षा पाते चार वर्ष हो गए । यह चार वर्ष का समय बिना किसी विशेष घटना के गुजर गया। नवयुवक विद्यार्थी ने इस काल में बड़े परिश्रमपूर्व पठन- पाठन का क्रम जारी रक्खा। जब मोजेक की आयु १८ वर्ष की होगई तो उसे आज्ञा मिल गई कि वह सप्ताह में एक बार अपने माता पिता से मिल सकता है। माता पिता भी सोसो के बाल्य- काल की अपेक्षा अब ऐश्वर्यमय जीवन बिता रहे थे। पिता ने मोची का काम छोड़ दिया था। अब वह जूते के एक कारखाने में काम करता था। कुछ वर्ष पूर्व का उद्धत और बदनाम लड़का अब अपने माता पिता का अत्यन्त प्रिय पुत्र बन गया । अब वह उससे किंचित् मात्र भी शुष्क व्यवहार नहीं करते थे, न ही उसके अपमानित होने का कोई अवसर उपस्थित होता था। उनका व्यवहार अत्यन्त कृपा-पूर्ण होता था, क्योंकि वह भलो भान्ति जानते थे कि एक वर्ष पश्चात् ही उनका पुत्र एक पादरी की उपाधि धारण कर लेगा। इसके पश्चात् पास में ही कोई स्थान उसके लिये नियत कर दिया जावेगा। उसक निवास के लिये मकान और निर्वाह के लिये पर्याप्त वेतन और एक भू-भाग दिया जावेगा और इस प्रकार माता पिता भी अपने जीवन के शेष दिन एक स्वर्गीय आनन्द में बिता सकेंगे। जैसा कि पहले बताया गया है, किसो समय का झगड़ालू और विद्रोही लड़का जिसके आचार व्यवहार में अब आकाश - .
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