पृष्ठ:स्टालिन.djvu/६०

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ration) प्राप्त कर ली और रूपी सीमामें पहुँच गया। छ सप्ताह पश्चात् 'परावडा पत्र' का प्रकाशन आरम्भ हो गया। उस समय स्टालिन का नाम सेंट पीटर्सबर्ग में पहले बार सुनने में आया। वास्तव में यह नाम कुछ नवीन न था। गर्जस्तानी भाषा में जो अर्थ जोगाशवली के हो सकते हैं वही रूसी भाषा में स्टाजिन के हैं। 'जोगा' और 'स्टाल' दोनों शब्दों के अर्थ लोहा है। सेंट पीटर्स- बर्ग पहुँच कर स्टालिन ने अपने लिये यह नया क्रियात्मक नाम पसन्द किया। यह बात उल्लेखनीय है कि स्टालिन ने क्रान्ति. काल में जितने भी कल्पित नाम धारण किये उनमें से यही ऐसा नाम एक है जिसे उसने क्रान्ति की सफलता के पश्चात् भी धारण किये रक्खा। रूसी पुलिस ने अप्रैल १९१२ में स्टालिन को आइ- नोविच के कल्पित नाम से गिरफ्तार किया और उसे पांचवी बार जेल भेजा गया। किन्तु वह जो नाटक सदा खेलता रहा था, उसी को उसने इस बार भी खेना। क्यों कि आहनोविच के रूप में वह ऐसा अभियुक्त था जो पहिली बार ही दंडित हुश्रा था। इसलिये उसे केवल तीन वर्ष का ही निर्वासन-दंड मिला। यह दंड उस जैसे अपराधियों के लिये साधारण था। कितु जैसा कि उसने पहले भी कई बार किया था, वह इस बार भी शीघ्र ही कारावास से मुक्त हो कर आगया। वह अप्रैल में पकड़ा गया था और सितम्बर में लेनिन से भेंट करने कराको जा पहुँचा। सम्भव है कुछ व्यक्ति सोचते होंगे कि इस प्रकार पांचवीं वार पकड़े जाने के पश्चात् और वहां से भाग जाने में सफल होकर उसको निरन्तर बलाशियों और गिरफ्तारियों से बचने के लिये रूस के बाहर किसी स्थान पर चले जाना चाहिये था। लेकिन ऐसा नहीं, वह ऐसा व्यक्ति न