पृष्ठ:स्टालिन.djvu/६२

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इसठ] अधिकार प्राप्त थे। पुलिस इन लोगों के घरों की तलाशी इमा की अनुमति से ही ले सकती थी और उनकी गिरफ्तारी एक कठिन वस्तु थी। नई परिस्थिति में कार्य बड़े सुन्दर ढंग से जारी रहा। अब पुलिस ने स्टालिन के कार्यों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। इसलिये वह अपनी सोची हुई योजनामों को कार्य-रूप में परिणित करने में संलग्न रहा। परावडा पत्र प्रतिदिन प्रका. शित होता रहा और उसका प्रचार बराबर पढ़ता गया। पार्टी के सदस्य प्रसन थे कि उनका एक पत्र बिना किसी रोक टोक से खुले रूप में बिक रहा है। पार्टी के जो सदस्य ड्रमा में बैठते थे, उनका अनुशासन भी पूर्ण था। स्टालिन लेनिन को कार्य की रिपोर्ट बराबर भेजता रहता था। पार्टी की शक्ति बढ़ती जाती थी। पार्टी को सन् १९०५ की असफल क्रान्ति में जिन कठि- नाइयों का सामना करना पड़ा था, वे कठिनाइयां भव दूर होती जाती थीं। लेकिन इस समय जब कि स्टालिन अपने आपको प्रत्येक प्रकार से सुरक्षित समझता और भविष्य की स्थिति को आशा. पूर्ण दृष्टि से देखा करता था, उस पर एक असाधारण आपित्त पाई। एक दिन खुफिया दो अधिकारी उसके मकान पर आए और उन्होंने उसे कैद कर लिया। स्टालिन ने ऐसे अवसर पर बड़े साहस का परिचय दिया। उसने पुलिस से कहा "मैं नितान्त निर्दोष हूँ। तुम मेरे कागजात देख सकते हो। मैंने कभी कोई अपराध नहीं किया। किन्तु पुलिस ईन्स्पेक्टर सारी बातें सुनकर बड़े जोर से हँसा। उसने एक पत्रांश निकाल कर स्टालिन के सामने रख दिया। स्टालिन ने भारचर्यान्वित होकर देखा कि इस बार इस