पृष्ठ:स्वाधीनता.djvu/१२

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भूमिका।

इंग्लैंड में जान स्टुअर्ट मिल नामका एक तत्त्ववेत्ता हो गया है। उसे मरे अभी सिर्फ ३१ वर्ष हुए। उसने कई अच्छी अच्छी पुस्तकें लिखी हैं। उनमें से एक का नाम 'लिबर्टी' ( Liberty ) है। यह पुस्तक उसी 'लिबर्टी' का अनुवाद है।

मिलका जन्म २० मई सन् १८०६ को लन्दन में हुआ। उसका पिता, जेम्स मिल, भी अपने समय में एक प्रसिद्ध तत्त्ववेत्ता था। जिस समय जान स्टुअर्ट मिल की उम्र कोई १३ वर्ष की थी उस समय उसके वाप को ईस्ट इंडिया कम्पनी के दफ्तर में एक जगह मिली। वहाँ उसे इस देश की अनेक बातें मालूम हुई और सैकड़ों तरह के कागज-पत्र और ग्रन्थ देखने को मिले। उनके आधार पर उसने भारतवर्ष का एक बहुत अच्छा इतिहास लिखा। यह इतिहास देखने लायक है।

मिलके पिता ने मिल को किसी स्कूल या कालेज में पढ़ने नहीं भेजा। उसने खुद उसे पढ़ाना शुरू किया। जव तक उसने पढ़ाने की जरूरत समझी तव तक वह उसे बराबर पढ़ाता रहा। तीनवर्ष की उम्र में मिल ने ग्रीक भाषा की वर्णमाला सीखी। आठ वर्ष की उम्र में उसने इस भाषा में थोड़ा सा अभ्यास भी कर लिया; बहुत से गद्य-ग्रन्थ उसने पढ़ डाले। आठवें वर्ष मिल ने लैटिन सीखना शुरू किया। कुछ दिन बाद अंकगणित, बीजगणित और रेखागणित भी वह सीखने लगा। बारह वर्ष की उम्न में मिलको ग्रीक और लैटिन का अच्छा ज्ञान हो गया। वह प्लेटो और अरिस्टाटल के गहन ग्रन्थ अच्छी तरह